नई दिल्ली: इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट की अगुवाई में, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को नेट्स में एक चुनौतीपूर्ण समय का सामना करना पड़ा, लगातार गेंदों पर एक स्थानीय नेट गेंदबाज ने उनको दो बार आउट किया। रोहित का बल्ले से संघर्ष जारी है, क्योंकि वह सीरीज के पहले दो टेस्ट मैचों में केवल 90 रन ही बना पाए हैं।
भारतीय लाइनअप में सबसे अनुभवी बल्लेबाज होने के बावजूद, 2013 में अपने डेब्यू के बाद से 56 टेस्ट खेलने के बाद, रोहित के हालिया फॉर्म ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। नेट्स में, वह पहले एक तेज़ इन-स्विंगर का शिकार बने जिसने उनका मिडिल स्टंप उखाड़ दिया, उसके बाद एक आउट-स्विंगर का शिकार हुए जिसने उनके बल्ले का किनारा ले लिया।
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भारतीय टीम फिलहाल 5 मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी पर है, टीम इंडिया हैदराबाद में पहला मैच हार गई थी लेकिन दूसरे मैच में जोरदार वापसी करते हुए जीत हासिल की। घरेलू मैदान पर टेस्ट मैचों में एक दशक से अजेय रहने वाले भारत को इंग्लैंड से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जो जबरदस्त बेसबॉल स्टाइल का क्रिकेट खेल रहा है।
रोहित के संघर्ष से भारतीय टीम पर दबाव बढ़ गया है, खासकर रजत पाटीदार, सरफराज और देवदत्त पडिकल जैसी युवा प्रतिभाओं के उभरने से। हालांकि रोहित का अनुभव मूल्यवान है, लेकिन टीम को घरेलू मैदान पर अपनी जीत की लय बरकरार रखने के लिए उनको लम्बी पारिया खेलने की जरूरत है।
जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ेगी, रोहित के प्रदर्शन पर कड़ी नजर रहेगी और भारतीय टीम उनसे आगे बढ़कर नेतृत्व करने और बल्ले से महत्वपूर्ण योगदान देने की उम्मीद करेगी। तीन मैच शेष रहते हुए, सीरीज में कड़ी प्रतिस्पर्धा होने का वादा किया गया है, और भारत को इंग्लैंड की मज़बूत चुनौती से निपटने के लिए अपने सभी प्रमुख खिलाड़ियों को कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होगी।