Suryakumar Yadav: सूर्यकुमार यादव क्रिकेट क्रिकेट की दुनिया का वह चमकता नाम है जिसे आज हर कोई जानता है। श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टी-20 मुकाबले में सूर्यकुमार यादव ने मात्र 51 गेंदों में 112 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली। इस पारी को देख लोगों की आंखें खुली की खुली रह गई जिस तरह से वो शॉट मार रहे थे और ग्राउंड के चारों तरफ रन बना रहे थे उससे हर गेंदबाज भयभीत नजर आ रहा था। पर सूर्यकुमार यादव ने यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष और मेहनत की है। आज हम आपको वो बात बताने जा रहे हैं जब सूर्यकुमार यादव को कप्तानी से हटा दिया गया और उनसे यह तक कहा गया कि वो क्रिकेट खेलने के लायक नहीं है।
सूर्यकुमार के संघर्ष की कहानी
यह बात तब की है जब सूर्यकुमार यादव घरेलू क्रिकेट मुंबई की तरफ से खेलते थे और रणजी ट्रॉफी के 2014-15 सीजन में उन्हें मुंबई टीम का कप्तान बनाया गया था उसी दौर में उन्हें कप्तानी से हटा भी दिया गया। बात कही गई कि सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में दम नहीं है और आलम तो यह आया जब 2018-19 के समय सूर्यकुमार यादव को टीम से निकाल दिया गया हालांकि सूर्यकुमार यादव ने हार नहीं मानी और उन्होंने लगातार मेहनत की और दोबारा रणजी ट्रॉफी में मुंबई की टीम में वापसी की और उन्हें फिर से कप्तान बनाया गया तब किसने सोचा था कि यह वही बल्लेबाज है जो आगे जाकर भारत देश का नाम पूरे विश्व में रोशन करेगा और सिर्फ मुंबई का नहीं बल्कि देश का हर एक बच्चा सूर्यकुमार यादव को देखकर क्रिकेटर बनने की चाहत रखेगा।
दोस्त ने कहा था क्रिकेट तेरे बस का नही
सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार सूर्यकुमार यादव को आने वाले समय में भारत की कप्तानी भी सौंपी जा सकती है और हार्दिक पंड्या के बाद Suryakumar Yadav ही भारत के अगले कप्तान बनेंगे। सूर्यकुमार यादव से जुड़ा एक रोचक किस्सा यह भी है कि जब वो रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे तब उनके एक करीबी दोस्त ने सूर्यकुमार यादव से कहा था कि क्रिकेट, “तेरे बस की बात नहीं है तू उसे छोड़ दे” पर सूर्यकुमार यादव ने उस समय जबान से नहीं बल्कि बल्ले से अपने दोस्त को जवाब दिया था।