Viral News: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और देश की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार महिलाओं को मशरूम की खेती का प्रशिक्षण देकर उन्हें मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दे रही है।
जिसमें महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. इसी क्रम में बस्ती जिले में भी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मशरूम की खेती कर न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि लाखों की कमाई भी कर रही हैं.
बस्ती जिले के सल्टौआ विकास खंड के झलनियां गांव में स्वयं सहायता समूह की 12 महिलाओं द्वारा मशरूम की खेती की जा रही है। मशरूम हट से लेकर खाद आदि सामग्री भी ये महिलाएं स्वयं बनाती हैं और बड़े पैमाने पर मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है।
मशरूम की बढ़ती मांग के कारण किसानों का रुझान मशरूम की खेती की ओर तेजी से बढ़ा है। मशरूम खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ शरीर के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।
समूह की महिला रेखा चौधरी ने बताया कि वे दो झोपड़ियों में मशरूम की खेती कर रहे हैं. जिसमें एक से डेढ़ लाख रुपये की लागत आती है और रोपण के बाद 30 से 32 दिन में उनका मशरूम तैयार हो जाता है. एक झोपड़ी से उन्हें 3 लाख रुपये का मुनाफा होता है. जिसे वे आपस में बांट लेते हैं और आज उन्हें अपने खर्चों के लिए किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता।
महिलाएं खेती से जुड़ रही हैं
डीएम बस्ती आंद्रा वामसी ने कहा कि आरसेटी द्वारा महिलाओं को मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है और आज वे सभी महिलाएं मशरूम की खेती भी कर रही हैं. जिससे महिलाओं की आय बढ़ रही है और वे आत्मनिर्भर बन रही हैं।