नई दिल्ली – पुलिस कस्टडी में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मांगी रिपोर्ट है। सरकार ने ढीले ढाले रवैया से नाराज कोर्ट ने कहा कि हम जानना चाहते हैं। कि जांच में अब तक क्या हुआ मुकदमें किस चरण तक पहुंचे हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि आती के दो नाबालिग बेटे को न्यायिक हिरासत में क्यों रखा गया है। अगर वह किसी अपराध में शामिल नहीं है। तो उन्हें रिश्तेदारों को क्यों नहीं सौंपा जा सकता है।
अतिक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच रिटायर्ड जज के नेतृत्व में कमेटी गठित कर कराए जाने की मांग करते हुए हाथी की बहन आई आशा नूरी और वकील विशाल तिवारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए कहा कि यह सिर्फ हाई प्रोफाइल केस का मामला नहीं है ऐसी घटनाएं जेल में ही हो रही है वह कौन लोग हैं। जो ट्राई करते हैं।
जेल से एक नेक्स्ट या नहीं मिली भगत के जरिए काम किया जा रहा है। यूपी सरकार के वकील ने कहा कि अतीक अहमद मामले में एसआईटी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। मामले में 3 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को मामले को टालने की मांग पर फटकार लगाई है। यूपी सरकार ने कहा कि हम मामले में याचिका पर ब्रिज जवाब दाखिल करेंगे सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमें बताएं कि इसको लेकर एन एच आर टी के निर्देशानुसार क्या है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा क्या एनकाउंटर के केसों की मॉनिटरिंग के लिए मैं के नीचे क्या है। उनके शव की मॉनिटरिंग कैसे की जाती है। अति की बहन आशा नूरी ने वकील ने कहा कि अधिक आश्रम मामले में जांच आयोग का गठन किया गया है। वहां उसके बेटे असद के मामले में भी अलग जांच आयोग का गठन किया गया उनकी जांच में अब तक क्या हुआ। किसी को कुछ पता नहीं है।