नई दिल्ली- बद्रीनाथ मंदिर को बौद्ध मठ बताने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की कड़ी आलोचना हो रही है। इस कड़ी में अब बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी मोड़ पर हमला बोला है मायावती ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान नया विवादों में जन्म देने के लिए होता है। और या विरुद्ध राजनीतिक बयान है।
बसपा चीफ ने कहा समाजवादी पार्टी के नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान की बद्रीनाथ सहित अनेको मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं। तथा आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों नहीं बल्कि अन्य प्रमुख मंदिरों का भी होना चाहिए। नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान है।
उन्होंने आगे कहा जबकि क्रीम और लंबे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे लेकिन तब उन्होंने इस बारे में पार्टी व सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया। और अब चुनाव के समय ऐसे धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी वह सपा की घिनौनी राजनीति नहीं हो तो क्या है। बहुत दवा मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं है।
गौरतलब है कि मौत ने लखनऊ में ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर पत्रकारों द्वारा प्रतिक्रिया मांगे जाने पर कहा था। कि बद्रीनाथ मंदिर आठवीं सदी तक बौद्ध मठ था जिसे आदि शंकराचार्य ने हिंदू मंदिर में परिवर्तित किया था। अपने बयान पर राजनीतिक नेताओं से लेकर सोशल मीडिया उपभोक्ताओं की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा गया था। कि अब उन्हें अपनी आस्था याद आ रही है। तो क्या औरों की आस्था दिखाई नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा अन्यथा ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। आठवीं शताब्दी तक बद्रीनाथ बौद्ध मठ था। उसके बाद बद्रीनाथ धाम हिंदू तीर्थस्थल बनाया गया और यही सच है।