नई दिल्ली- राजस्थान में एक ट्रेंड चल रहा है। कि वहां हर चुनाव में सट्टा बदलती यह ट्रेन इस लिहाज से बीजेपी के पक्ष में की अभी राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में है। और बीजेपी का दावा है। कि राज्य में सत्ता विरोधी रुझान है। बीजेपी लगातार कभी करप्शन के मामले पर तो कभी कानून व्यवस्था के मसले पर कांग्रेस सरकार को घेर रही है। लेकिन बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के नेता ही है। बीजेपी के लिए राजस्थान में अपने नेताओं को साथ करना और एक साथ होकर चुनाव लड़ना एक बड़ा काम है।
राज्य में जिस तरह भाजपा नेताओं के अलग-अलग ग्रुप बने हैं। वह सब को सीएम पद का दावेदार मानते हुए कि उसे कर रहे हैं। की पार्टी सीएम उम्मीदवार का ऐलान कर दे। इसे देखते हुए विधानसभा चुनाव की कमान बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथ में ले रखी है। यहां तक की राज्य में अगले महीने निकलने वाली परिवर्तन यात्रा को भी केंद्र के नेता ही हरी झंडी दिखा रहे हैं। परिवर्तन यात्रा के लिए कोई एक चेहरा आगे नहीं किया गया है।
सितंबर में बीजेपी राजस्थान में चार परिवर्तन यात्रा निकाल रही है इन चारों यात्राओं की कमान पहले चार अलग-अलग नेताओं को दी गई थी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह शेखावत पूर्व मध्य प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को यात्रा का नेतृत्व करना था। लेकिन फिर बीजेपी कितने प्लान बदल दिया बीजेपी का कहना है। कि कोई एक नेता किसी एक यात्रा का प्रतिनिधित्व नहीं करेगा। बल्कि सभी यात्राओं में सांसद विधायक पार्टी पदाधिकारी शामिल होंगे।
अब कर अलग-अलग परिवर्तन यात्रा को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गृहमंत्री अमित शाह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अलग-अलग जगह से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। पार्टी ने अब स्थानीय नेताओं को यात्रा का कोआर्डिनेटर बनाया है।