नई दिल्ली- राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सियासत तेज हो गई इस बीच राजस्थान में विधानसभा चुनाव में राजघराने की राजशाही अब चुनावी मैदान में आ गई है। एक समय था जब राजघराने की राजशाही को इंदिरा गांधी ने पूरी तरह से खत्म कर दिया था लेकिन इस बार फिर से राजस्थान के चुनाव में राजघराने की रानियां चुनावी मैदान में कूद पड़ी कौन-कौन सी रानियां इस बार राजस्थान की कमान संभालना चाहती है हम आपको बताते है।
राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा का चुनाव उससे पहले ही राजस्थान की सियासत गर्म होती जा रही है। इस बीच आज हम आपको बताएंगे कि राजस्थान के विधानसभा चुनाव में रियासत की रियासत कितनी राजघराने की राजशाही चुनावी मैदान में है।
अगर राजनीति की बात करें तो देश में जब देश आजाद हुआ 1947 में तो उसके बाद जब पहली बार विधानसभा का चुनाव 1951 में शुरू हुआ था। तब राज गानों के बड़े-बड़े नेता उतर कर चुनावी माहौल में आए थे। सबसे पहले लोकसभा का चुनाव सरगी हनुमत सिंह राठौड़ ने लड़ा था बताया जाता है कि राजस्थान की जोधपुर की सियासत से निकाल कर आते थे पहली बार चुनाव लड़ने के बाद उनके पक्ष पहले ही बार चुनाव आ गया लेकिन उनकी एक विमान हादसे में मौत हो गई थी।
हम आपको बताएंगे कि कहां-कहां से इस समय राजघराने की रानियां चुनावी मैदान और कहां से कहां की राह को संभाल रही है सबसे पहले नाम राजस्थान की अगर बात करें तो वसुंधरा राजे का आता है वसुंधरा राजे ग्वालियर राजघराने की संबंध में अगर उनके करियर की बात की जाए तो उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी 1984 में सबसे पहले उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होकर एक छोटा सा पद संभाला इसके बाद 1987 में वह राजस्थान की प्रदेश अध्यक्ष बन गई थी उसके बाद लगातार सियासत तेज हो गई 1998 से 1999 के बीच जब देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी तब उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई के मंत्रिमंडल में शामिल हुई उन्हें राज्य मंत्री के पद पर बैठाया गया उसके बाद से उनकी कहानी शुरू होती है।
उसके बाद से लगातार वसुंधरा राजे राजनीति में सकरी हो गई उन्होंने 2003 में 120 सीटों पर राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाई थी। बताया जाता है कि राजस्थान के लिए यह पहले दशक का जब भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत से राजस्थान में जीत हासिल हुई थी। वसुंधरा राजे चार बार विधायक रह चुकी है और पांच बार लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद भी रह चुकी और मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने राजस्थान का नेतृत्व भी किया है।
दीया कुमारी जयपुर की महारानी कहीं जाने वाली दिया कुमारी एक बार फिर से राजनीति में सक्रिय होती नजर आ रही उन्होंने वर्तमान में 2019 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से सांसद बनी थी पहली बार राजनीति में शुरुआत करने वाली दिया कुमारी 2013 राजनीति में कदम रखा था दीया कुमारी के तीन बच्चे हैं ऐसा बताया जा रहा है। वर्तमान में सांसद दीया कुमारी एक बड़े राजघराने से संपर्क रखती है।
इसी तरह विजय राजे सिंधिया ने इंदिरा गांधी के सामने चुनाव लड़ा था यह भी महारानी राजमाता विजय राजेथ सिंधिया के नाम से जानी जाती थी। यही नहीं यशोधरा राज्य सिंधिया लंदन में पैदा हुई थी उसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव लड़ा था और उन्हें जीत मिली थी लगातार 2005 से लेकर 2007 तक सरकार में पर्यटन मंत्री के रूप में उन्होंने काम भी किया यही नहीं 2009 में विधानसभा का चुनाव लड़ा 2013 में लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा से इस्तीफा दे दिया वही 2018 में यशोधरा राजेश सिंधिया ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत भी था।
एक राज घराने की महारानी के तौर पर जाने-जाने वाली गायत्री राज्य पावर थी जो की 2015 पति का निधन हो गया था उसके बाद उन्होंने 2015 में उपचुनाव में जीत हासिल की थी 2018 में विधानसभा का चुनाव लड़ा उसमें भी गायत्री राज्य को जीत हासिल हुई दो बार से विधायक रह चुकी गायत्री राज्य एक बार फिर से 2023 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश से चुनावी ताल ठोक रही है।
उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान की कई रानियां जो की राजनीति में अहम रोल निभा रही इस बार भी कई महारानियां रानियां चुनावी मैदान खड़ी है। और अपने आप को जीता हुआ बता रही है।