नई दिल्ली- राजस्थान में विधानसभा चुनाव करीब आते ही पार्टियों में टिकट की मारामारी शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी में टिकट बटवारे की तैयारी के बीच हंगामा और आरोप प्रत्यारोप का माहौल भी देखने लगा है। टिकट कटने के दर से वर्तमान विधायक अभी से पार्टी के अंदर काम करना शुरू कर चुके हैं।
बता दे की राजस्थान में विधानसभा चुनाव करीब आते ही सभी पार्टियों में टिकट को लेकर मारामारी शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी में टिकट बंटवारी की तैयारी के बीच हंगामा और आरोप प्रत्यारोप का माहौल भी दिखने लगा है। टिकट कटने के दर से वर्तमान विधायक अभी से पार्टी में हर जाने की तरफ इशारा कर रहे हैं। इस बीच दैनिक भास्कर के सर्वे में यह बात सामने आई है। कि राजस्थान के लोग 44 फ़ीसदी वर्तमान विधायकों को दोबारा उम्मीदवार के रूप में नहीं देखना चाहते है। पब्लिक द्वारा रिजेक्ट हुए विधायकों में बीजेपी के 50 और कांग्रेस के 40 फ़ीसदी विधायक है।
बता दे की साल के आखरी में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने ऐसे में चुनाव से पहले सर्वे के चौंकाने वाले आंकड़ों से राजनीतिक पार्टियों की टेंशन बढ़ गई है। इससे टिकट बंटवारे में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों में नए चेहरों को मौका दिए जाने की संभावना बढ़ सकती है।
सर्वे में राजस्थान की जनता ने बताया कि वह प्रदेश सरकार के 28 मंत्रियों में से 29 मंत्रियों को दोबारा उम्मीदवार के रूप में देखना चाहती है। वही 9 मंत्री ऐसे हैं। जिन्हें जनता दोबारा उम्मीदवार के रूप में नहीं देखना चाहती है। गौरतलब है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कुल 29 मंत्री है। लेकिन पिछले दिनों मंत्री राजेंद्र गुढा को बर्खास्त करने के चलते मंत्रिमंडल में एक सीट खाली है।
जनता ने सर्वे में बताया कि वह बीजेपी के 50% यानी 35 विधायकों को दोबारा उम्मीदवार के रूप में नहीं देखना चाहती है। और कांग्रेस के 40% यानी 43 ऐसे विधायक हैं। जिन्हें जनता द्वारा प्रत्याशियों के रूप में नहीं देखना चाहती है।