नई दिल्ली- राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मीणा हाईकोर्ट में पिछले 5 साल से लगातार विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है। इस बार भी 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने के लिए मीणा हाईकोर्ट में जोड़ तैयारी चल रही है। यहां मनाया जा रहा है। आदिवासी दिवस की कमान हर बार राज्यसभा सांसद करोड़ी मीणा अपने हाथों में लेते हैं। यानी अपने हाथों में रखते हैं। इस बार भी हाईकोर्ट में होने वाले कार्यक्रम की कमान अपने हाथों में ली है। हाई कोर्ट का नाम सुनते ही लोगों को लगता है कि यहां कोई कोर्ट कचहरी लेकिन यहां के वकील और जज कल कोर्ट में नहीं बल्कि चिलम फुकते मीणा समाज के बुजुर्ग लोग ही यहां फैसला लेते हैं।
दौसा जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र नांगल प्यारी वास में स्थित मीणा हाईकोर्ट के बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है। यह ऐसा हाईकोर्ट जो बड़े-बड़े जन आंदोलनों का भी गवाह रहा है। यहां राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा समेत कई बड़े नेता अपनी हाजिरी लगाते हैं। यही नहीं लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भी यहां आकर एक विशाल जनसभा की थी।
स्थानीय लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि चिड़िया वास कांड की वजह से इस जगह को मीणा हाईकोर्ट कहा जाता है दरअसल 1993 में एक विवाहिता ने अपनी मां उसके प्रेमी चाचा के साथ मिलकर पति को मौत के घाट उतार दिया था इसके बाद नंगला राजा वतन थाने में आईपीसी की धारा 302 में एफ आई आर दर्ज हुई ग्रामीणों की जानकारी के अनुसार पुलिस की कार्यवाही से ग्रामीण संतुष्ट नहीं हुए और चूड़ियावास गांव में 11 गांव की महापंचायत आयोजित हुई। पांच पटोला ने पत्नी और उसके प्रेमी को हत्या का दोषी करार देते हुए दोनों को गांव में निर्वस्त्र घुमाने की सजा दी गई। फिर मुंह काला करके दोनों को चूड़ियावास गांव में जुलूस निकालकर पैदल ही ग्रामीणों द्वारा नगला राजा वतन लाया गया। इस वजह से दौसा नगला राजा वतन पुलिस कितने प्यारी वास में पांचो को गिरफ्तार कर लिया।
पांचों की गिरफ्तारी की वजह से ग्रामीण भड़क गए और कुछ लोगों ने न्यायालय के पांचो से जमानत याचिका लगाई जब जमानत याचिका भी खारिज हो गई तो यहां के लोगों ने ग्रामीणों के पूर्वी राजस्थान के बड़े नेता करोड़ी लाल मीणा का दरवाजा खटखटाया इसके बाद करोड़ी का आंदोलन शुरू किया सरकार ने कई बार करोड़ी लाल मीणा और ग्रामीणों से वार्ता की लेकिन असफल रहे इसके बाद करोड़ी लाल मीणा ने दौसा कुछ का आवाहन करते हुए कहा कि हमें बिना जमानत के हमारे पंच पटेल चाहिए उस वक्त राजस्थान के भंवर सिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे दर्शक उसके आवाहन के बाद सरकार ने हाथ पैर फूलना शुरू हो गए और उन्होंने सभी पासवर्ड दोनों को बिना जमानत के ही करोड़ी लाल मीणा और ग्रामीणों के हवाले कर दिया उसके बाद नांगल प्यारी वास को मीणा हाईकोर्ट के नाम से पहचाने जाने लगा था।
मीणा हाईकोर्ट से ही करोड़ी लाल मीणा ने कई आंदोलन किए और समाज में व्यस्त हुई प्रथाओं को भी यहीं समाप्त करवाया कहते हैं यहां से होने वाले आंदोलन और रैलियों का संदेश पूरे राजस्थान में जाता है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी भी इसी मीणा हाईकोर्ट में रुके थे।