नई दिल्ली। चाय के साथ हमेशा से पकौड़ा का कॉन्बिनेशन फेमस रहा है, जब भी चाय की बात हो लोगों के दिमाग में पकौड़े का नाम जरूर आता है। हल्की-फुल्की भूख मिटाने के लिए पकोड़ा पकोड़ा बहुत ही बेहतरीन डिश है। जिसे आप इवनिंग या फिर मॉर्निंग स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं।
पकोड़े को आप साधारण प्याज आलू के बजाय बहुत सी सब्जियों के साथ मिलाकर भी बना सकते हैं। इसे बनाने के बहुत से तरीके होते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस खास के पकोड़े का नामकरण कैसे हुआ और इसकी उत्पत्ति कैसे हुई थी।
पकोड़े को कहीं पकौड़ा कहा जाता है तो कहीं पकौड़ी कहा जाता है। भारत में अलग-अलग राज्यों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है अंदर प्रदेश, महाराष्ट्र कर्नाटक में इसे भजिया कहा जाता है भारत के कुछ हिस्सों में पकौड़ा कहा जाता है तो कहीं भजिया कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में भजिया के नाम से फेमस पकौड़ा चाय के साथ खूब जमकर खाई जाती है। शाम की चाय पकौड़ा खाने की इच्छा अक्सर लोग रखते हैं। ऐसे में पकौड़ा का जन्म कैसे हुआ आइए जानते हैं इसके बारे में
विशुद्ध इंडिया पकोड़े बनाने की रेसिपी आसान है। इसे अलग अलग तरीके से बनाया जाता है, इसे बनाने का तरीका एक जैसे नहीम होता है इसके कई वेरायटी होते हैं। पकौड़ा मूल रूप से वेजीटेरियन फूड है लेकिन मुगलों के आने के बाद इसमें अंडे से लेकर चिकन, मटन मिलाकर पकौड़े के नए वैरायटी बनाएं गए। इसी दौरान इसको कई जगहों में पकौड़ा बोलना शुरू हुआ।
पसंदीदा पकौड़े के फ्यूजन हिंदुस्तान में शाही बावर्ची भारतीय व्यंजन में बड़े-बड़े एक्सपेरिमेंट किए हैं। ऐसे में पकौड़े को ही देख लीजिए पकौड़े का पोस्टमार्टम करते हुए अंडे के पकोड़े बनाए जाते हैं।
पहली बार कब बना पकौड़ा
एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में पहली बार पकौड़ा जब पुर्तगाली हिंदुस्तान में आलू और प्याज लेकर आए तब पकोड़े की बिक्री होती है और पकौड़ा भी शामिल है इस दौरान पकौड़ा के लोगों के जुबान में भी चढ़ा हुआ है, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान, एशिया, इंडोनेशिया जैसे अन्य देशों में पकौड़े भी अच्छी खासी बढ़ गई है।