नई दिल्लीः मुगल साम्राज्य के इतिहास का भला किसे नहीं पता, सभी बखूबी जानते हैं। अगर आप किताबें पढ़ना जानते हैं तो भी नहीं पढ़ते हैं तो भी, क्योंकि घर का चाक चौबारों में भी मुगल बादशाहों के किस्से बहुत सुनाए जाते हैं। मुगलकाल में जितने भी राजा हुए, सबने अपने राज्य की सीमा को बढ़ाने व लोगों के विकास के लिए तमाम काम किये।
देशभर में कुछ ऐसी इमारत भी बनाई, जो आज पर्यटन स्थल बने हुए हैं। बात चाहें आगरा के ताजमहल की हो या फिर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित लाल किले की। यह दोनों स्थान ऐसे हैं, जहां पर्यटकों की बड़ी संख्या में भीड़ रहती है। इन सबके बीच मुगलकाल के कुछ बादशाह ऐसे भी थे, जिनकी सच्चाई जानकर आपके होश उड़ना लाजिमी हैं। मुगल इतिहास प्रेम और मोहब्बत के साथ-साथ लोगों के नरसंहार और हत्याओं के लिए भी याद किया जाता है।
मुगल शासन में कमजोर लोगों की खूबसूरत महिलाओं को बड़ा प्रताड़ित होना पड़ता था, यहां तक कि उनके अपहण भी कर लिए जाते थे। इसलिए इस मुगल युग को अय्याशी और हत्या के लिए दोषी माना जाता है। इतना ही नहीं एक मुगल बादशाह मां-बहनों के साथ शारीरिक संबंध बनाने की भी सभी हदें पार कर दी। इस युग में किसी की मां, बहन और बेटियां भी अपने को महफूज नहीं समझती थी।
- सगी मां बहनों से भी बनाए गए अवैध संबंध
एक ऐसा मुगलकाल जिसमें मां, बहन और बेटियों का जीवन भी सुरक्षित नहीं था। हद तो जब हो गई, तब मुगलकाल के शासकों ने खुद अपनी मां, बहन और बेटियों को अय्याशी का माध्यम बना लिया। कुछ जानकार तो यह भी बतातें हैं कि मुगल बादशाह अपने मां, बहनों और बेटियों को किसी मिलने भी नहीं देते थे। बात चाहें शाहजहां की हो या फिर हुमायूं और अकबर की, इन सभी ने अपने रिश्ते नातों को चकनाचूर करने में भी कोई शर्म की दीवार तोड़ने में कमी नहीं की। इन सभी ने रिश्तों की मान मर्यादा ताक में रखकर खूब अय्याशी की रात बिताई। वैसे तो यह फेहरिस्त काफी लंबी है, लेकिन सबसे ऊपर इसमें अकबर का नाम आता है।
मुगल बादशाह अकबर के अय्याशी के किस्से सुन आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। कुछ लेखकों के मुताबिक, अपनी बेटी से संबंध स्थापित करने के लिए निकाह तक नहीं किया। इतना ही नहीं आखिर में बेटी की जान चली गई। अकबर ने ना जाने कितने मुस्लिम औरतों की अस्मत लूटी, लेकिन हद तो तब हो गई जब हवस मिटाने के विए मां-बहन और बेटियों को भी नहीं छोड़ा।
अकबर की बिटिया का नाम आरा अकबर था, जिसकी मौत जहांगीर के शासन काल में हो गई थी। सबसे मनगढ़ंत किस्सा ये था कि अकबर ने सती प्रथा पर रोक लगाई, लेकिन इसके बीच मकसद चौंकाने वाला था।
- इस मकसद को पूरा करने के लिए लगाई थी सती प्रथा पर रोक
जानकारी के लिए बता दें कि मुगल बादशाह ने हिंदुओं में चली आ रही सती प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसका मकसद था कि जो हिंदुओं की खूबसूरत महिला होती थीं, उन्हें अपना हरम में उठवाकर मंगवा लिया जाता था। इतना ही नहीं जो व्यक्ति महिला को पति के साथ मुखाग्नि देते थे, उन्हें बादशाह बांधकर कारगार में डाल दिया करते थे।
इसके बाद कारगर में मौजूद लोगों को कठोर से कठोर दंड दिया जाता था। यहां मुगल बादशाह अपने मर्जी माफिक रात में अपनी रंगीन जिंदगी गुजार रहा था। मीना बाजार में भी यह नजारा देखने को मिलता था, जहां से हुस्न की परियों की हरम के लिए उठाकर लाया जाता था। अगर किसी महिला के घर वाले विरोध करने आते तो उन्हें सख्त से सख्त सजा नदने का काम किया जाता था।