नई दिल्लीः पांच राज्यों के विधानस चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए संजीवनी लेकर आए। कर्नाटक में मिली हार के बाद बीजेपी ने राजस्थान समेत तीन राज्यों में पूर्व बहुमत हासिल कर लिया, जबकि तेलंगाना में कांग्रेस भी अपना खाता खोलने में कामयाब रही।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी को मिली बंपर जीत से राजनीतिक पंडितों की समीक्षा भी धरी रह गई। नतीजों से पहले माना जा रहा था कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है, लेकिन बीजेपी की तमाम नीतियां विरोधियों पर भारी पड़ी।
मध्य प्रदेश में जीत का श्रेय महिलाओं के अथक समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है। राज्य में शिवराज सरकार की ओर से कुछ ऐसी स्कीम चलाई जा रही हैं जिनका फायदा सीधे तौर पर कांग्रेस को मिल रहा है। इसमें सबसे अहम फैक्टर लाडली बहना योजना ने निभाया है, जिसने बीजेपी के लिए जीत का प्लेट फॉर्म तैयार किया।
यह योजना बनी वरदान
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही लाडली बहना योजना ने चुनाव में कांग्रेस का खदेड़ा कर दिया। प्रदेश की एक करोड़ 31 लाख महिलाओं को हर महीने 1250 रुपये वितरित करने का काम कर रही है। यह राशि सीधे अकाउंट में डालने जा रही है। इसे बढ़ाकर 3,000 रुपये तक करने की भी घोषणा की थी।
इसके साथ ही माना जा सकता है कि महिलाओं ने इसी योजना की बदौलत शिवराज सरकार के पक्ष में बढ़-चढ़कर मतदान किया। महिलाओं ने राज्य में जमकर वोटिंग की। 4 फीसदी अतिरिक्त मतदान लगातार पिछड़ती दिखाई दी।
कांग्रेस को यह चीज पड़ी भारी
राज्य में पार्टी को जिताने के लिए पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने पूरी ताकत लगाई। शुरुआत में लग रहा था कि कांग्रेस इस बार मध्य प्रदेश में सरकार बना लेगी, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आया पार्टी रणनीति बनाने में नाकाम रही।
पार्टी के पुराने दिग्ग्ज नेताओं ने शिवराज सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी कांग्रेस जीतने का दांव खेलने लगी। इसके लिए सर्वे भी करवाए गए, जिसमें कांग्रेस की प्रचंड जीत का दावा किया जाता रहा। सर्वे देखकर बेइंतहा खुश कांग्रेस के नेता आम जनता से तालमेल मिलाने में नाकाम रही। कांग्रेस ने चुनाव में कुछ ऐसे कैंडिडेट उतार दिए, जिससे जनता असंतुष्ट रही।