नई दिल्ली- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में तैनात रहे गनर अजय कुमार सिंह को आय से अधिक संपत्ति मामले में हुई प्रारंभिक जांच में दोषी पाया गया है। इस मामले का मुकदमा कर्नलगंज थाने में दर्ज कर लिया गया है। अजय के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संगठन इंस्पेक्टर की तरफ से कर्नलगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
दरअसल बलिया का रहने वाला अजय कुमार 10 जुलाई 2005 में कौशांबी पुलिस के कांस्टेबल पद पर तैनात हुआ था और 2012 में उसकी तैनाती प्रयागराज कर दी गई। इसके बाद महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में अजय को लगा दिया गया। अजय की स्टाइल और पर्सनालिटी अलग थी और कुछ दिनों में ही व महंत नरेंद्र गिरि का खास बन गया। मगर नरेंद्र गिरी की 20 दिसंबर 2021 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के बाद अजय को कौशांबी में तैनात कर दिया गया। इतना वक्त भी जाने के बाद तमाम पुलिस के अधिकारी आए और गए। कई सिपाहियों का ट्रांसफर हुआ लेकिन अजय को कोई गिला नहीं सका है।
अजय अपने गले में मोटी सोने की चैन महंगी घड़ी ब्रांडेड कपड़े और जूते पहनने का शौक रखते हैं। इसकी चर्चा विभाग और लोगों के बीच रहती थी। ऐसा कहा जाता है। कि महंत नरेंद्र गिरि के बल पर आ जाए तमाम बड़े अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कराने लगे थे। महंत भी अजय पर मेहरबान थे। उस पर भी वह खूब पैसा खर्च करते थे। जिससे अजय अपनी अलग लाइफ स्टाइल के जीने लगा। लोगों की माने तो अजय महेश अट्ठारह साल की सर्विस में ही करोड़पति बन गया था।
अजय को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी डॉ नूतन ठाकुर की तरफ से 23 मई को भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी। शिकायत पत्र में कहा गया था एक कांस्टेबल आजाद सिंह करोड़ की संपत्ति का मालिक है। जिसके पास फॉर्च्यूनर ऑल्टो और बुलेट मोटरसाइकिल भी है। उसकी पत्नी के नाम पर दो प्लेट भी खरीदे गए जो कि शहर के अल्लापुर में है। फिर मैं से एक 39 लाख और दूसरा 22 लाख की कीमत का है। इसका बलिया में भी करोड़ों रुपए का मकान है।
जब इस मामले में कांस्टेबल आजा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच कराई तो शुरुआती जांच में अजय को दोषी पाया गया जिसको लेकर कर्नलगंज थाने में भ्रष्टाचार निवारण संगठन के स्पेक्टर ठाकुरदास ने मुकदमा दर्ज करा दिया है।