LOKSABHA ELECTIONS 2024: लोकसभा चुनाव के ऐलान बाद सभी राजानितिक पार्टियों ने जान झोंक दी है। केंद्र की सत्ता में काबिज बीजेपी ने तीसरी बार सत्ता की चाबी के लिए दिन रात एक कर दिया है। इतना ही नहीं बीजेपी को टक्कर देने के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियां अपने समीकरण सेट करने में डटी हैं।
लोकसभा चुनाव में सबकी नजरें देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश पर सबकी नजरें टिकी हैं। अब सभी पार्टियां अपने टिकट वितरण कर रही हैं, लेकिन अभी कुछ हॉट सीटों पर फैसला लिया जाना बाकी है। बीजेपी की तरफ से अभी पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का भी फेंच फंसा हुआ है।
माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार वरुण गांधी का टिकट काट सकती है। अगर ऐसा हुआ तो फिर वरुण गांधी के पास अन्य पार्टियों के सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए विकल्प होंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर बीजेपी से उनका टिकट कटा तो क्या वे सपा से चुनाव लड़ेंगे। वरुण के सपा से चुनाव लड़ने को लेकर अखिलेश यादव ने एक बड़ा बयान दिया है।
वरुण गांधी को क्या सपा देगी टिकट? अखिलेश यादव ने दिया बड़ा बयान
बीजेपी प्रत्याशियों की कई लिस्ट जारी कर चुकी है, लेकिनन पार्टी के दिग्गज नेता वरुण गांधी को अभी तक उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। इससे चर्चा है कि पार्टी इस बार उन्हें टिकट देने के मूड में नहीं है। अगर वरुण गांधी का टिकट काटा गया तो फिर वे सपा में जा सकते हैं, जिसके खूब कयास भी लगाए जा रहे हैं।
वरुण गांधी को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है। जब अखिलेश यादव से पूछा गया कि क्या सपा वरुण गांधी को उम्मीदवार बनाएगी? इस सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी का संगठन फैसला लेगा कि किसे कहां से चुनाव लड़ाया जाएगा।
हालांकि, सपा में अखिलेश यादव के बिना पत्ता नहीं हिलता है। सपा प्रमुख के बयान से लगता है कि बीजेपी को वरुण को प्रत्याशी बनाती है तो उनके लिए पार्टी का दरवाजा खुला रहेगा।
सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर सुर्खियों में रहे वरुण गांधी
बीजेपी के सांसद और युवा नेता के नाम से मशहूर पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी बीते पांच साल में सरकार से सवाल पूछने को लेकर काफी चर्चाओं में रहे। किसान आंदोलन हो या फिर महंगाई और युवाओं को रोजगार का मुद्दा, सभी को लेकर वरुण गांधी ने सरकार पर हमला किया।
इससे पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी हाताश हुआ, जिसके बाद से कयास लगाए जाने लगे कि उनका टिकट इस बार कट सकता है। सियासत में एक कहावत है कि यूपी से ही होकर दिल्ली का रास्ता निकलता है। इसकी बानगी पिछले कई चुनाव में देखने को मिल चुकी है। साल 2014 और 2019 के चुनाव की बात की जाए तो यूपी ने बंपर सीटें दे।