नई दिल्ली- इस मानसून सीजन में जुलाई में इस बार एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब राजस्थान पूरी तरह से सूख रहा हो। हर दिन कहीं ना कहीं बारिश हुई इतना ही नहीं इस बार बारिश का ट्रेंड भी थोड़ा बदला दिखाई दिया। मानसून के बादल पार्वती और व गार्ड के बजाय रेगिस्तान के इलाकों में जमकर बरसे है।
इसका कारण इस बार मानसून के आदेश सीजन जून-जुलाई में ही जिलों के 12 जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो गया राज्य में इस महीने औसत बारिश 228.4 एमएम हुई है। 2 जुलाई माह में होने वाली बारिश की औसत से 40 फ़ीसदी ज्यादा है।
मौसम केंद्र जयपुर से मिली रिपोर्ट देखें तो पिछले 12 सालों में यह पांचवां सीजन जब जुलाई में 200mm से ज्यादा बारिश हुई है इससे पहले साल 2022 और 2017 15 और 13 मई जुलाई के महीने में 200mm या उससे अधिक बारिश हुई थी सबसे ज्यादा बरसात पिछले सीजन 270.2 एमएम हुई थी।
राजस्थान के जिले में स्थित देखे तो 33 में से 12 जिले ऐसे हैं जिसमें मानसून सीजन की बारिश का कोटा पूरा हो गया है। इसमें पश्चिम राजस्थान में 10 से 8 ऐसे जिले हैं। जहां मानसून की बारिश का कोटा पूरा हो गया। वहीं पूर्वी राजस्थान के अजमेर झुनझुना सहित कई जिलों में कोटा पूरा हो चुका है। अभी मानसून के दो माह बचे हैं। ऐसे में संभावना है। कि इन जिलों में इस बार बहुत ज्यादा बारिश हो सकती है।
अच्छी बारिश के कारण राज्य में 74 बड़े छोटे बांध में जुलाई के ओवरफ्लो होकर छलक गया राज्य में कुल 690 बांध है। जिसमें से 144 बांध इस सीजन में अब तक भर चुके हैं इसमें से 172 बार अभी सूखे हैं। जबकि 374 बांध आंशिक रूप से भरे हुए बीसलपुर बांध का गेज भी 1 मीटर से ज्यादा भर चुका है।
जयपुर मौसम केंद्र के निर्देशक राधेश्याम ने बताया कि राज्य में जुलाई में इस बार 1 जून से जुलाई तक सामान्य से 78% बारिश ज्यादा हो चुकी है। उन्होंने बताया कि अधिकांश बारिश पश्चिमी राजस्थान के जिलों में हुई है। उन्होंने आगे बताया कि अगस्त में राजस्थान में बारिश सामान्य से कम होने का पूर्वानुमान है।