नई दिल्ली- महाराष्ट्र सरकार शामिल एनसीपी के अजित पवार गुटको फाइनली विभागों का आवंटन होने जा रहा है। एनसीपी खोजो विभाग मेले हैं। उन पर मुहर लग गई। वित्त विभाग का जिम्मा अब उप मुख्यमंत्री देवेंद्र की जगह अजित पवार के पास होगा।
महाराष्ट्र में लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सीएमसी देने एनसीपी के नवनियुक्त मंत्रियों के विभागों के बंटवारे पर अंतिम मोहर लगा दी है। एनसीपी के कोटे में 7 महत्वपूर्ण मंत्रालय आ गए हैं। जिनमें वह वित्त मंत्रालय भी शामिल है। जिसे लेकर काफी दिनों से रस्साकशी चल रही है। इसके अलावा एनसीपी की योजना खाद्य और नागरिक आपूर्ति सहकारी समितियां महिला और बाल विकास कृषि राहत और पुनर्वास चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय मिलेगा।
पोर्टफोलियो वितरण की सूची का औपचारिक ऐलान जल्द होने की उम्मीद है इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी राजभवन पहुंच गए यह सूची राज्यपाल की मंजूरी के बाद मुख्य सचिव को भेजी जाएगी अजित पवार ने राज्यपाल को भेजी गई फोटो पोलियो वितरण सूची की पुष्टि कर दी है कहा जाता है। कि वित्त और सहकारिता मंत्रालय को लेकर एनसीपी व सीधे गुट के बीच खींचतान चल रही है। जिसके चलते विभागों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका था। अजीत पवार वित्त मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय एनसीपी के पास रखने को लेकर आक्रमक है।
बता दे कि अजीत पावर गुट वित्त के साथ ही सहकारिता मंत्रालय को लेकर आक्रमण थे। क्योंकि एनसीपी के लिए बहुत महत्वपूर्ण दर्जन भर से अधिक एनसीपी नेता सरकारी या निजी चीनी कारखाने चला रहे है। साथ ही उसका सहकारी बैंकों पर भी नियंत्रण है उन्हें दोनों क्षेत्रों में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब उनके पास सरकारी मंत्रालय होगा। तो उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से हो सकेगा।
हालांकि पिछले साल जब एकनाथ शिंदे और उनके 40 समर्थकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी। तब उन्होंने अजित पवार के वित्त विभाग संभालने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। इस दौरान शिंदे और उनके खेमे के विधायकों ने आरोप लगाया था कि फंड वितरण के मामले में अजित पवार पक्षपात कर रहे है। वह शिवसेना के निर्वाचन क्षेत्र में एनसीपी के नेताओं को अधिक फंड दे रहे थे।और ऐसा करके वे शिवसेना को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे।