नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश में लगातार अपने कुनबे को मजबूत कर रही बीजेपी एक और दांव खेलने जा रही है। जिसमें अब पार्टी के नए सदस्य के तौर पर 4 नए चेहरे बहुत जल्द बीजेपी का दामन थामने जा रहे है। इससे पहले ओपी राजभर ने एनडीए को ज्वाइन किया और उसके बाद दारा सिंह चौहान की सदस्यता लेकर वापसी कर चुके हैं। इस फेहरिस्त में अब विपक्ष के चार और नाम जोड़ने जा रहे है। जिसको लेकर पार्टी के सूत्रों का दावा है। कि आने वाली 24 जुलाई को या पार्टी का दामन थाम सकेंगे।
इस फेरबदल में नाम समाजवादी पार्टी और आरएलडी के गठबंधन के साथियों का है सूत्रों के मुताबिक साहब सिंह सैनी सुषमा पटेल राजपाल सैनी और जगदीश सोनकर बहुत जल्द बीजेपी का दामन थामने वाले है। अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे साहब सिंह सैनी पश्चिम उत्तर प्रदेश से आते हैं और इन को लेकर बीजेपी में पहले ही चर्चा जोरों पर थी। जो अगले हफ्ते दामन थाम सकते हैं। जिसको लेकर उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है।
बीजेपी की सेंधमारी सपा के सहयोगी दल आरएलटी में भी हो चुकी इस कड़ी में दूसरा नाम आरएलटी नेता और बसपा से सांसद रहे राजपाल सैनी का है। सैनी 2022 में आरएलडी के सिंपल पर खतौनी विधानसभा से चुनाव लड़ रहे थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। दोनों ही नेता पिछड़ी बिरादरी से आते हैं। ऐसे में पिछड़ों को साधने की कवायद के पहले से ही बीजेपी इन बिरादरी के नेताओं को तवज्जो दे रही इनमें यह दो नाम नए है जो जोड़ने जा रहे हैं। जिनका फायदा उसे पश्चिम यूपी में मिलेगा।
वहीं दूसरी तरफ इस कड़ी में तीसरा नाम सुषमा पटेल का है जो समाजवादी पार्टी से आती हैं। जिन्होंने 2022 में ही जौनपुर की मड़ियावा सीट से सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा था जौनपुर में मुंगरा बादशाहपुर से बसपा के विधायक रही सुषमा पटेल इससे पहले बसपा की नेता थी 2020 में हुए राज्यसभा चुनाव में बसपा की बगावत के बाद समाजवादी पार्टी का दामन थामा था। पूर्वांचल में कुर्सी वोट के साधने के लिए पटेल की बीजेपी में मौजूद की और मजबूत करने के इशारे हो रहे वहीं 2019 में जौनपुर सीट पर बीजेपी को हराकर सामना भी करना पड़ा था।
वहीं दूसरी तरफ लखनऊ में शनिवार को बीजेपी के गठबंधन महामंत्री बीएल संतोष के लखनऊ दौरे को लेकर उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भूपेन चौधरी ने भी कहा कि आने वाले समय में पार्टी विचारधारा के साथ जो लोग जुड़ना चाहते हैं वह पार्टी में दिखाई देंगे जहां तक ज्वाइन की बात है। तो इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व करता है। लेकिन प्रदेश के सभी नेताओं का पार्टी में स्वागत है। जो योगी और मोदी के नेतृत्व में काम करने के तरीके के साथ बीजेपी की किताब विचारधारा से जुड़ना चाहते हैं।