नई दिल्लीः बिहार में एक बार फिर बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिल सकता है। बीते कई दिन से बिहार की राजनीति में आरजेडी और जेडीयू के रिश्तों में काफी खटास आ गई है। सीएम नीतीश कुमार इस्तीफा देकर एनडीए के साथ मिलकर शपथ ले सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो तीन साल में नीतीश कुमार तीसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे।
कुछ ही दिन बाद अब देशभर में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में नीतीश कुमार का एनडीए में आना तय माना जा रहा है। नीतीश कुमार और बीजेपी नेताओं में कुछ दिन पहले एक दूसरे पर खूब बयानबाजी देखने को मिली थी। इसके बाद अब वे एनडीए के साथ जाते हैं तो बीजेपी को क्या फायदा होगा। आपको जानना होगा कि बीजेपी के लिए नीतीश क्यों जरूरी हैं।
बीजेपी के लिए क्यों जरूरी हैं नीतीश कुमार
बीजेपी ने आज अपने विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है, जिसमें बिहार की राजनीति का कोई बड़ा रास्ता निकल सकता है। माना जा रहा है कि बीजेपी विधायक दल की बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। इसके सात ही बीजेपी ने राज्य में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराने के विचार को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
इसके पीछे कई वजहें हैं। बीजेपी के मुताबिक,वलोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव होने से लालू-तेजस्वी जैसे अन्य समीकरण हावी होने की उम्मीद है। इससे पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव साथ में कराने पर नीतीश कुमार की एंटी इंकमबेंसी से भी बड़ा नुकसान हो सकता है। नीतीश के एनडीए में आने से लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बंपर फायदा देखने मिल सकता है।
नीतीश के एनडीए में आने की चर्चा से कई बीजेपी नेता नाराज
इतना ही नहीं सीएम नीतीश कुमार के एनडीए में आने की चर्चा के बीच कई बीजेपी के बड़े नेता नाखुश बताए जा रहे हैं। बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि वे लोकसभा चुनाव में मोदी को जिताने के लिए तो काम कर सकते हैं, विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा बीजपी को भुगतना पड़ सकता है। इसलिए बीजेपी नीतीश कुमार को 2025 के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए सहमत है।
बीजेपी इस बात पर देगी जोर
बीजेपी 2025 के चुनाव में फायदे के लिए पिछड़े वर्ग के लिए किए अपने काम पर जोर दे सकती है। इसके साथ बीजेपी नेताओं को कहा जाएगा कि वे जेडीयू से दोबारा गठबंधन को लेकर किसी तरह की बयानबाजी ना करें। बीजेपी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर अति पिछड़ों के बीच अपना वोट बैंक मजूबत करने का काम किया है।