नई दिल्ली- मणिपुर में भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को भी टेबल जिले में संघर्ष देखने को मिला है। जहां पर भीड़ के कथित तौर पर इंडियन रिजर्व फोर्स आईआरबी के एक कैंप से हथियार और गोला-बारूद लूटने की कोशिश की गई। भीड़ को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने हवाई फायरिंग की जिसमें 27 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने कैंप तक आने वाली कई रास्तों को ब्लॉक कर दिया है जिससे अतिरिक्त सुरक्षा बल वहां ना पहुंच सके लेकिन फोर्सेस किसी तरह आगे बढ़ पाई है। इस बीच भीड़ ने जवानों की गाड़ियों में आग लगा दी। जिससे अफरा-तफरी का माहौल है।मामले को शांत कराने का प्रयास लगातार किया जा रहा है।
बता दे कि मणिपुर में हिंसा के बीच सरकार ने स्कूल खोलने के आदेश दिए है। पहले से आठवीं क्लास के बच्चों के स्कूल बुधवार से खोले जाने थे। यानी आपसे स्कूल खोले गए हैं। नववी से दसवीं तक के स्कूल और कॉलेजों को अभी नहीं खोला जाएगा। इन स्कूलों में राहत कैंप लगे हैं। शिविरों के लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग रह रहे है। बता दें कि सीएम ने गांव में बने प्राइवेट बनकर को हटाने का आदेश दिया था लेकिन जनजातीय संगठन इंडीजीनस ट्राईबल लीडर कोर्स ने इसे मानने से इनकार कर दिया है। राज्य के 16 में से 5 जिलों में कर्फ्यू हटा दिया गया है आप 11 जिलों में शाम 5 बजे तक से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा।
बता बता दे कि 3 जुलाई को चुरा चांदपुर के संगति में कुछ अज्ञात लोगों ने कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन के प्रवक्ता सेलेन हाओकिप घर को आग लगा दी थी। सोमवार को कांग्पोकोपी इलाके में हिंसा की कई घटनाएं दर्ज हुई। सूत्रों के मुताबिक सोमवार सुबह फाइलिंग गांव में गोलियां चली है।
2 जुलाई को सुबह विष्णुपुर चुराचंदपुर सीमा पर दोनों समुदाय के लोग बढ़ गए थे इसमें 3 लोगों की गोली लगने से जान चली गई थी एक अन्य का सिर फट गया था। सीएम एंड बिरेन सिंह ने कुबी में आने वाले इस इलाके का दौरा भी किया था। उन्होंने मरने वालों को श्रद्धांजलि दी।और स्थानीय लोगों को सुरक्षा देने का वादा किया था।
आगे बता दे कि मणिपुर के पड़ोसी राज्य मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने मंगलवार को कहा कि हमारे यहां लगभग 15 हजार लोग शरण लिए हुए हैं। हम आने वाले समय में भी मणिपुर के लोगों को शरण देना जारी रखेंगे। जोरमथंगा ने कहा कि 3 मई के बाद मणिपुर में अब तक कोई भी नहीं बदला है। मणिपुर में हर दिन हालात बिगड़े रहे हैं। वहां के लोगों से हमारा खून का रिश्ता है। हम उन्हें मुसीबत में नहीं छोड़ सकते है।