नई दिल्ली। उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक अवैध मदरसा और मस्जिद को हटाने के लिए जिला प्रशासन की टीम पहुंची हुई है। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और 100 लोग घायल हो गए। शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं।
बनभूलपुरा इलाके में टीम के पहुंचते ही पहले पत्थरबाजी हुई, जिसके बाद उपद्रवियों ने उग्र होकर हिंसा मचाई। गुस्साई भीड़ ने कई जगहों पर आग लगा दी और दर्जनों गाड़ियों को फूंक दिया।
प्रशासन ने मदरसा और मस्जिद को अवैध घोषित कर दिया था, जिसके कारण उन्हें ध्वस्त कर दिया गया था। हालांकि , इस कदम को हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र के निवासियों के तीव्र प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
इस झड़प में 50 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए, कई प्रशासनिक अधिकारी, नगर निगम कर्मचारी और पत्रकार भी गोलीबारी की चपेट में आ गए। हिंसा तब और बढ़ गई जब पुलिस स्टेशन के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई।
शांति बनाए रखने के लिए धारा-144 लागू
इस हिंसा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है और अधिकांश 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल में इलाज दिया जा रहा है। शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिला मजिस्ट्रेट वंदना सिंह ने पूरे इलाके में धारा-144 लागू कर दी है।
हल्द्वानी शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है, जो अगले आदेश तक जारी रहेगा। उत्तराखंड पुलिस ने अस्पताल और दवाई की दुकानें छोड़कर सभी व्यावसायिक संस्थान, दुकानें, स्कूल-कॉलेज, उद्योग इत्यादि पूरी तरह बंद रहेंगे। इस समय जिले में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।
जैसे ही बुलडोजर ने संरचनाओं को ढहाया, महिलाओं सहित क्रोधित निवासी विरोध में सड़कों पर उतर आए। जैसे ही उन्होंने बैरिकेड्स तोड़े और पुलिस के साथ झड़प की, स्थिति तेजी से बिगड़ गई। इसके बाद भीड़ ने पुलिस, नगर निगम कर्मियों और पत्रकारों पर पथराव किया, जिसके परिणामस्वरूप चोटें आईं और संपत्ति को नुकसान पहुंचा।