नई दिल्ली- विपक्षी एकता को लेकर कर्नाटक के बेंगलुरु में चल रही बैठक में सबकी नजरें उत्तर प्रदेश के नेताओं पर टिकी हुई है। खासकर अखिलेश और जयंत चौधरी करो आने वाले वक्त में विपक्षी एकता को लेकर किधर को चलेगा। इस तरफ सबकी नजरें टिकी हुई है। आपको बता दें। कि अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने और न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय करने को लेकर सोमवार को विपक्षी दलों की आरंभिक चर्चा बेंगलुरु में शुरू हो गई है। पिछली बैठक मे आरएलडी चीफ जयंत चौधरी के शामिल शामिल नहीं हो पाए थे। इस बैठक में हुए न सिर्फ शामिल हुए बल्कि एक ऐसी तस्वीर ट्वीट कर दी जिससे अब खूब चर्चा होने लगी है।
जयंत चौधरी ने अपने ट्विटर हैंडल से अपने समेत अखिलेश यादव और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के डेलीगेट कार्ड की तस्वीर कोर्ट ट्वीट किया है। यह दिल्ली गेट कार्ड बेंगलुरु में विपक्षी एकता की बैठक में शामिल हुए नेताओं को जारी किए गए है। विपक्षी एकता की बात की थीम है। यूनाइटेड वे स्टैंड यानी संगठन में शक्ति है। जयंत के इस ट्वीट के नीचे देखा जा सकता है।
यूपी की फिजाओं में पिछले कई दिनों से कैलाश सियासी चर्चा तौर पर है ऐसी ऐसी चर्चा एक शंकर के रूप में सामने आ रही शंका यह है। कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के साथ रहे है। जयंत चौधरी क्या इस बार पलटी मार कर बीजेपी का साथ पकड़ लेंगे ऐसा कहा जा रहा है। कि जयंत के लिए बीजेपी खेमे से भी बड़ा ऑफर है। इसके पीछे की थोड़ी यह बताई जा रही है। कि मुजफ्फरनगर समेत तमाम लोकसभा सीट पर जयंत की अखिलेश के साथ सहमति नहीं बन पा रही है।
हालांकि पिछले विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होकर और फिर काट कर फेंक कर जयंत चौधरी ने शंकाओं को दरकिनार कर दिया उन्होंने इस बात के मजबूत संकेत दिए हैं। कि वह और उनकी पार्टी विपक्ष एकता की इस मुहिम के साथ मजबूती के साथ खड़ी रहेगी।