नई दिल्ली: 10 लाख रुपये से ज़्यादा कीमत वाले हैंडबैग, कलाई घड़ी, जूते और स्पोर्ट्सवियर जैसे लग्जरी सामान पर अब एक प्रतिशत टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) लगेगा। आयकर विभाग ने 22 अप्रैल, 2025 से लग्जरी सामानों की बिक्री पर 1 प्रतिशत की दर से TCS लगाने के बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। यह उन वस्तुओं पर लागू होगा, जिनका बिक्री मूल्य 10 लाख रुपये से ज़्यादा है। वित्त अधिनियम, 2024 के तहत लग्जरी सामानों पर TCS लगाने की घोषणा जुलाई 2024 के बजट में की गई थी।
जिम्मेदारी विक्रेता की होती है
वहीं टीसीएस का भुगतान करने की जिम्मेदारी विक्रेता की होती है, जो इसे ग्राहकों से लेता है। यह कर अधिसूचित वस्तुओं जैसे कलाई घड़ियाँ, कला वस्तुएँ जैसे पेंटिंग, मूर्तियाँ और प्राचीन वस्तुएँ, संग्रहणीय वस्तुएँ जैसे सिक्के और टिकट, नौकाएँ, हेलीकॉप्टर, लक्जरी हैंडबैग, धूप के चश्मे, जूते, उच्च श्रेणी के खेल परिधान और उपकरण, होम थिएटर सिस्टम और रेसिंग या पोलो घोड़े आदि पर लागू होगा। नांगिया एंडरसन एलएलपी के टैक्स पार्टनर संदीप झुनझुनवाला के अनुसार, यह अधिसूचना उच्च मूल्य वाली वस्तुओं की निगरानी बढ़ाने और लक्जरी सामान क्षेत्र में ऑडिट ट्रेल को मजबूत करने के सरकार के इरादे के तहत जारी की गई है।
चुनौतियां पैदा कर सकता
यह कर आधार का विस्तार करने और अधिक वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने के व्यापक नीतिगत उद्देश्य का संकेत है। उन्होंने कहा कि विक्रेताओं को अब टीसीएस प्रावधानों का समय पर अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। साथ ही, अधिसूचित लक्जरी वस्तुओं के खरीदारों को ऐसी वस्तुओं को खरीदते समय अधिक केवाईसी आवश्यकताओं और दस्तावेज़ीकरण का सामना करना पड़ेगा।झुनझुनवाला ने कहा, “हालांकि यह निर्णय लक्जरी सामान क्षेत्र के लिए कुछ चुनौतियां पैदा कर सकता है, लेकिन इस निर्णय से बेहतर नियामक निगरानी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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