उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के करछना तहसील के इसौटा गांव में बवाल हुआ, जिसमें उपद्रवों ने बाइक को आग के हवाले किया, तोड़फोड़ और पथराव किया।  खत्म हुआ तो पुलिस एक्शन में आ गई। अब पुलिस उपद्रवियों को पकड़ने में जुट गई है। पुलिस उपद्रवियों के खिलाफ एनएसए (NSA) एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी।

बता दें कि इस बवाल में 42 बाइक्स लावारिस थी, जिनको पुलिस ने सीज कर दिया। कहा जा रहा है कि ये बाइक्स उपद्रव करने वाले लोगों की हैं और पुलिस के भगाने पर छोडकर चले गए।

वैसे अभी पुलिस बाइक के नंबर से पता लग रही है कि गाड़ियां किसके नाम पर हैं। पुलिस इन लोगों को नोटिस भेजेगी और उन्हें अपने पास बुलाएगी। पुलिस के अनुसार, 50 से ज्यादा आरोपरियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा पुलिस फोटो और वीडियो देखकर आरोपियों को पकड़ का काम रही है।

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दूसरी तरफ आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि बवाल करने वाले उनकी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं। पार्टी कार्यकर्ता 8 घंटे तक सर्किट में बैठे थे। उन्होंने कहा यह उपद्रव करना किसी की साजिश थी।

पुलिस के साथ आम लोग भी हुए चोटिल हुए

बता दें कि उपद्रवियों ने पुलिस की तीन गाड़ियों के साथ करीब तीन दर्जन गाड़ियों को आग लगा दी। इसमें मोटरसाइकिल को भी जलाया गया। पथराव भी किया गया, जिसमें चौकी प्रभारी के साथ पुलिसकर्मियों को चोटें आई। इसमें आदमी, महिलाएं और बच्चे भी चोटिल हुए।

क्यों हुआ बवाल

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, सांसद चंद्रशेखर आजाद एक दलित परिवार से प्रयागराज के इसौटा गांव में मिलने जा रहे थे, तभी पुलिसवालों ने उन्हें जाने से रोक दिया। इस भड़ककर समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद पुलसि चंद्रशेखर को हिरासत में लेकर थाने गई, जिससे समर्थकों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। उन्होंने वाहनों की तोड़फोड़ की, पत्थर और लाठी आदि चलाए।

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यमुना नगर के डीसीपी ने क्या कहा

इस बवाल को लेकर यमुना नगर के डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने कहा कि इसौटा गांव में चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता भारी संख्या में आए थे। जब कार्यकर्ताओं को पता चला कि वो गांव के अंदर नहीं आ सकते तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।

डीसीपी ने कहा कि, उन्होंने पुलिस वाहनों को जला दिया। हालांकि पुलिस हालात पर जल्द ही काबू पा लिया। अब उपद्रवी करने वालों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है।