नई दिल्ली: डिजिटल पेमेंट के इस दौर में गूगल पे (Google Pay), फोनपे (PhonePe) और पेटीएम जैसे यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ऐप ने लेन-देन को बेहद आसान बना दिया है, लेकिन अब साइबर ठगों ने इस सुविधा को हथियार बना लिया है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने हाल ही में चेतावनी दी है कि फर्जी यूपीआई ऐप की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो असली ऐप की तरह दिखते हैं और लोगों को ठगने का नया जरिया बन गए हैं।
ट्रांजेक्शन नहीं होता
ये फर्जी ऐप बिल्कुल ओरिजनल गूगल पे, फोनपे या पेटीएम जैसे ही दिखते हैं। जालसाज इन ऐप का इस्तेमाल करके दुकानदारों को यकीन दिलाते हैं कि उन्होंने पेमेंट कर दिया है। कुछ मामलों में दुकानों पर लगा साउंड बॉक्स भी पेमेंट कन्फर्मेशन साउंड बजाता है, जिससे लगता है कि पैसे आ गए हैं, लेकिन असल में कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता। ये ऐप फर्जी ट्रांजेक्शन स्क्रीन और प्रोसेसिंग मैसेज दिखाकर दुकानदारों को धोखा देते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये फर्जी ऐप टेलीग्राम और दूसरे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए शेयर किए जा रहे हैं, जिससे आम लोग झांसे में आ जाते हैं।
डाउनलोड करें
हमेशा बैंक अकाउंट या ओरिजनल UPI ऐप में ट्रांजेक्शन की पुष्टि करें। सिर्फ़ साउंडबॉक्स की आवाज़ पर भरोसा न करें। UPI ऐप सिर्फ़ Google Play Store या Apple App Store से ही डाउनलोड करें। अगर कोई ग्राहक कोई नया या अजीब ऐप इस्तेमाल कर रहा है तो सावधान हो जाएँ। अगर आपके साथ धोखा होता है तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या पुलिस में शिकायत दर्ज करें।
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