ITR Refund: मौजूदा समय में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR Filing 2025) फाइल करने का समय चल रहा है। अभी रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख को बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया गया है। वैसे टैक्स पेयर्स के मन में सवाल उठ रह है कि रिफंड कितने समय में मिल जाएगा।

कितने समय में मिलेगा रिफंड

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना कि, इनकम टैक्स विभाग की तरफ से ऑटोमेशन और सुधार करके रिफंड की प्रक्रिया का समय 10 दिन तक कर दिया गया है। इधर एक्सपर्ट का भी कहना है कि ये समय तो एवरेज है। हालांकि कुछ मामलों कुछ ही दिनों में रिफंड मिल जाता है। जांच या तकनीक या कुछ अन्य कारणों से देरी हो सकती है। कई मामलों के लिए 9 महीने तक का समय मिल सकता है। यानी दिसंबर 2026 तक रिफंड जारी किया जा सकता है।

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क्यों हो जाती है रिफंड में देरी

  1. ITR फाइल करना ही जरूरी नहीं है, ई-वेरिफिकेशन होने के बाद आगे का प्रोसेस बढ़ेगा।
  2. अगर टैक्स पेयर्स का PAN और आधार लिंक नहीं हैं तो ITR भरा नहीं जा सकता है।
  3. फॉर्म 26AS में टैक्स और ITR के आंकड़ों में अंतर होता है तो केस को स्क्रूटनी में डाला जा सकता है।
  4. अगर अकाउंट नंबर और IFSC कोड गलत होता है तो रिफंड फेल हो सकता है।
  5. अगर विभाग की तरफ से कोई ईमेल या नोटिस भेजा और टैक्स पेयर्स ने जवाब नहीं दिया तो रिफंड अटक सकता है।

रिफंड में देरी न हो तो क्या करें

टैक्स पेयर्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसे ई-वेरिफाई करना जरूरी है। टैक्स पेयर्स आधार OTP, नेट बैंकिंग या अन्य डिजिटल तरीकों से ई-वेरिफिकेशन किया जा सकता है। इसके आलावा यह जरूर देखें कि PAN और आधार लिंक हों, TDS और इनकम से जुडी जानकारी सटीक भरी गई हैं कि नहीं। इसके साथ बैंक डिटेल्स को लेकर कोई गलती न करें।

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रिफंड देर में मिलने पर टैक्स पेयर्स क्या कर सकता है?

1- अगर रिफंड में 30 दिन से ज्यादा समय लगता है तो इनकम टैक्स विभाग की तरफ से हर महीने 6 फीसदी सालाना ब्याज दर से ब्याज देना पड़ता है। यह ब्याज तबतक लगेगा जबतक रिफंड को खाते में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।

2- अगर AO (जांच अधिकारी) की तरफ से जानबूझकर रिफंड देने में देरी करता है तो आप इसकी शिकायत CBDT या आयकर विभाग के सीनियर अधिकारी से शिकायत कर सकते हैं।

3- रिफंड के रिकॉर्ड के बारे में जानने के लिए www.incometax.gov.in या NSDL वेबसाइट पर जाकर जांच सकते हैं।

4- रिफंड में देरी होने पर ई-निवारण प्रणाली (e-Nivaran) के तहत इनकम टैक्स विभाग में शिकायत कर सकते हैं।