नई दिल्ली – बेहतर स्वास्थ्य के लिए 8 से 7 घंटे के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। अगर किसी को टाइप 2 डायबिटीज की शिकायत है तो उसके लिए नींद और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। पर्याप्त मात्रा में नींद ना लेने से ब्लड शुगर लेवल पर इसकी नेगेटिव असर पड़ता है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए जितना जरूरी न्यूट्रीशन, एक्सरसाइज होता है उतना ही भरपूर नींद भी जरूरी होता है। कम सोने से बॉडी में स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे कोर्टिसोल नाम का हॉर्मोन रिलीज होने लगता है। कोर्टिसोल इंसुलिन रेसिस्टेंट और ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने का काम करता है, वही ज्यादा नींद लेने से टाइप टू डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है।
साल 2020 में पब्लिक एक स्टडी के अनुसार डायबिटीज वाले मरीजों को 7 घंटे से ज्यादा होने पर उनके मरने की आशंका 7 घंटे की नींद लेने वाले की तुलना में ज्यादा बढ़ जाती है। डायबिटीज को भरपूर और पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए आइए जानते हैं कैसे करें नींद के पैटर्न में सुधार की जांच करें। टाइप टू डायबिटीज में डिसऑर्डर की समस्या आम होती है।
सोते वक्त सांस लेने में परेशानी होती है। सोते समय ब्रिदींग से बॉडी में ऑक्सीजन सप्लाई पर इसका असर होता है और इस पर क्वालिटी खराब हो जाती है। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें गुड स्लीप हाइजीन को फॉलो करें, एडल्ट के लिए रात में 7 से 9 घंटे की नींद लेना महत्वपूर्ण है। टाइप टू डायबिटीज के मरीजों के लिए कम से कम 7 घंटे की नींद लेना चाहिए।
समय से पहले सो जाएं टीवी और स्क्रीन को सोने के एक घंटा पहले से ही देखना बंद कर दें और दिन में कभी भी 20 मिनट से ज्यादा का नींद में लंबा सोने से रात की नींद खराब हो जाती है। दिन में करें व्यायाम दिन में अगर फिजिकल एक्टिविटी हो जाती है तो रात में अच्छी नींद आती है।
10 मिनट की एरोबिक एक्सरसाइज से फायदा मिलता है। इंटरनल बॉडी टेंपरेचर बढ़ता है और बाद में टेंपरेचर नॉर्मल हो जाता है। जिससे थकान महसूस होती है और बेहतर है हर किसी को आज के समय में हो रहा है, लेकिन टाइप 2 डायबिटीज पेशेंट में स्ट्रेस लेवल ज्यादा बढ़ जाता है। इस पर असर पड़ता है इसलिए सोने से पहले स्ट्रेस को साइड रखें और डीप ब्रीथिंग विजुलाइजेशन और मेडिटेशन के सहारे से भरपूर नींद लें।