Atlantic Diet: कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो जायेगा, इस आहार के सेवन से

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Health Desk

Atlantic Diet: अटलांटिक डाइट, जिसे कई व्यक्तियों ने हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट प्लान के रूप में अपनाया है, एक स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करने का एक नया तरीका है। इस डाइट में मुख्य रूप से उस खाद्य का सेवन किया जाता है जो अटलांटिक समुद्र के आसपास उपलब्ध है। इसमें मछली, श्रिम्प, ओस्ट्रेच, समुद्री फल, और अन्य समुद्री आहारों का समर्थन किया जाता है, जिनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, प्रोटीन, विटामिन्स, और मिनरल्स होते हैं। इससे नहीं सिर्फ आपके शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य और ऊर्जा में भी सुधार करने में मदद करता है। अटलांटिक डाइट में स्वास्थ्यप्रद फैट्स, विटामिन्स, और मिनरल्स के सही संतुलन के साथ-साथ संतुलित डाइट की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो एक स्वस्थ और फिट जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है।

अटलांटिक डाइट: एक स्वस्थ जीवनशैली का नया दृष्टिकोण

  • डाइट का उत्पत्ति और विशेषताएं: अटलांटिक डाइट उत्तरी पुर्तगाल और उत्तर दक्षिण स्पेनिश कम्युनिटी की परंपरा से प्रेरित है, जिसमें मेडिटेरेनियन डाइट की संस्कृति है, परंतु कुछ अंतर हैं। इसमें डेयरी और स्टार्ची कार्बोहाइड्रेट्स का अधिक सेवन होता है, जैसे कि आलू और ब्रेड।
  • लोकल और अनप्रोसेस्ड खाद्य: यह डाइट लोकल और प्राकृतिक खाद्यों पर केंद्रित है, जिसमें खाद्यों को प्रोसेस किया नहीं जाता है। इसमें ग्रिलिंग और बेकिंग जैसे साधारित पकाने के तरीकों का प्रमोशन होता है, जो हेल्थी लाइफस्टाइल को बढ़ावा देता है।

फायदे

  •  बैड कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है: अटलांटिक डाइट का पालन करना बैड कॉलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
  • बेली फैट को कम करता है और मोटापा दूर करता है: इस डाइट के सेवन से बेली फैट को कम करने में सहायक होता है और मोटापा को दूर करने में मदद करता है।
  • हेल्दी एजिंग को प्रमोट करता है: अटलांटिक डाइट के साथ सेहतमंद आहार लेने से हेल्दी एजिंग को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
  • कार्डियवैस्कुलर बीमारियों से बचाव करता है: इस डाइट का पालन करना कार्डियवैस्कुलर बीमारियों के खिलाफ रक्षा कर सकता है।
  • डिप्रेशन कम करता है: अटलांटिक डाइट में समृद्धि पूर्ण आहार से उत्पन्न विटामिन्स और मिनरल्स डिप्रेशन को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

अटलांटिक डाइट को फॉलो करके व्यक्ति न केवल स्वस्थ रह सकता है बल्कि उसकी दिनचर्या में सकारात्मक परिवर्तन लाने में भी सक्षम हो सकता है।

अटलांटिक डाइट: स्वस्थ जीवन का कुंजी

  • सी-रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर कम होता है: अटलांटिक डाइट में अधिक फिश, दाल, साबुत अनाज और सब्जियों का सेवन करने से सी-रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर कम हो जाता है, जिससे संक्रमण कम होता है।
  • ओमेगा-थ्री फैटी एसिड का स्राव: सी-फूड और फिश में ओमेगा-थ्री फैटी एसिड पाया जाता है, जो कार्डियवैस्कुलर बीमारियों से बचाव करता है और हृदय स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है।
  • पूर्ण पोषण: साबुत अनाज, फल, सब्ज़ी, दाल, नट्स, आदि में पर्याप्त मात्रा में फाइबर, विटामिन, मिनरल, और एंटी ऑक्सीडेंट होता है, जो संपूर्ण सेहत के लिए आवश्यक है।
  • ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है: प्लांट बेस्ड फूड में पोटेशियम और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है और हृदय स्वास्थ्य को सुरक्षित रखता है।

अटलांटिक डाइट का पालन करने से व्यक्ति स्वस्थ जीवन जी सकता है और संपूर्ण सेहत के लिए आवश्यक आहार प्राप्त कर सकता है।

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