नई दिल्ली: हर साल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक से एक नये खोज किए जा रहे हैं। इस साल 2022 खत्म होने के साथ ही 5G सर्विस की लॉन्चिंग से लेकर मोस्ट हाइप्ड फोन आ गए हैं। ऐसे में न्यूरालिंक की जानकारी भी आ गई है, जिससे साफ है कि आने वाले दिनों में टेक्नोलॉजी और भी आगे बढ़ेगी। इस बीच चर्चा हो रही है कि अगर स्मार्टफोन ही न हो या फिर कोई नई टेक्नोलॉजी आए। जिससे सिम कार्ड और चिप को आपके शरीर में लगा दिया जाए। नोकिया के सीईओ और बिलगेट्स ने ऐसी संभावनाओं को जताया है।
अगर हम दो दशक पहले की बात करें तो कभी किसी ने Smartphones के बारे में सोचा भी नहीं था। आज के समय में हमारे ज्यादातर काम स्मार्टफोन से ही हो जाते हैं। ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत ही स्मार्टफोन के साथ होती है। जो हमारी जिंदगी का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। ऐसे में हर कोई जानने का इच्छुक है कि भविष्य में कैसे फोन्स लॉन्च होंगे? उसमें क्या क्या फीचर मिलेंगे? जिनके समय में आज हम जानते भी नहीं है या फिर हम स्मार्टफोन से किसी दूसरी टेक्नोलॉजी में शिफ्ट कर दिए जाएंगे।
स्मार्टफोन की जगह लेंगे इलेक्ट्रॉनिक्स टैटूज ?
ऐसा कहा जा रहा है कि स्मार्टफोन कैमरों की जगह भी ले सकते हैं। क्योंकि अब मोबाइल में DSLR तक आने लगे है। इसी को लेकर साल के शुरुआत में ही नोकिया के सीईओ Pekka Lundmark ने घोषणा की थी। जिसमें उन्होंने स्मार्टफोन के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े किए थे। माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स का भी यहीं मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स टैटूज भविष्य में स्मार्टफोन हो सकते हैं। आने वाले समय में स्मार्टफोन्स किसी भी स्टिकर की तरह बन जाएंगे, जिन्हें अपने शरीर पर चिपकाया जा सकेगा।
स्मार्टवॉच और ग्लासेस में रिप्लेस होंगे स्मार्टफोन
सीईओ Pekka Lundmark के अनुसार, आज से 8 साल बाद यानी 2030 तक 6जी टेक्नोलॉजी आ जाएगी। लेकिन उस टाइम तक स्मार्टफोन्स नहीं रहेंगे। इन स्मार्टफोन्स को स्मार्टवॉच या फिर स्मार्ट ग्लासेस में रिप्लेस किया जा सकता हैं। इनमें ही मोबाइल के फीचर्स मिल जाएंगे। अभी जिन स्मार्टफोन्स का बोल बाला है, वो साल 2030 तक खत्म हो जाएंगे। इसका एक उदाहरण हाल ही आई ब्रेन चिप Neuralink है। जिसे चिप की मदद से बंदर भी अपने दिमाग का इस्तेमाल कर कप्यूटर चला सकेंगे। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जल्द ही इंसानों पर भी किया जा सकता है।