नई दिल्ली: Warning for Android Users: सरकार की तरफ से एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स को चेतावनी जारी की गई है। इसमें सरकार ने यूजर्स को एडवांस मैलवेयर अटैक से सावधान रहने के लिए कहा है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि अगर आपका स्मार्टफोन या डिवाइस पर एडवांस मैलवेयर अटैक हो जाता है तो आपकी क्रेडेंशियल्स जानकारी के साथ कई और गुप्त जानकारी लीक हो सकती हैं। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है।
इसे भी पढ़ें- Shah Rukh Khan की वजह से सुपरस्टार बन पाए Hrithik Roshan , वरना आज भी कोई काम नहीं देता
सरकार ने अपनी जारी की हुई एडवाइजरी में बताया कि साइबर अपराधी सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म और ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे वॉट्सऐप, चैटजीपीटी, ओपेरा मिनी, यूट्यूब, नेटफ्लिक्स और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करके आपकी डिवाइस में एडवांस मैलवेयर को इंस्टाल कर सकते हैं। इसीलिए एडवांस मैलवेयर अटैक से बचने के लिए जानकारी दी जा रही है।
एडवांस मैलवेयर से क्या असर पड़ेगा
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के एक विभाग रक्षा लेखा महानियंत्रक ने DogRAT नाम के रिमोट एक्सेस ट्रोजन पर एडवाइजरी जारी की है। यह साइबर सुरक्षा स्टार्टअप CloudSEK का प्लेटफॉर्म है। इस एडवाइजरी में जानकारी दी गई है कि अगर एक बार एडवांस मैलवेयर आपकी डिवाइस में इंस्टाल हो गया तो ये आपकी बैंकिंग क्रेडेंशियल्स, फोटो और कीस्ट्रोक्स भी ले सकता है। इसके साथ ही आपो ट्रैक कर सकता है और आपका ऑडियो रिकॉर्ड कर सकता है।
इस एडवांस मैलवेयर अटैक से कैसे बचें
सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक, साइबर अपराधियों द्वारा हाल ही में चैटजीपीटी, इंस्टाग्राम, ओपेरा मिनी और यूट्यूब जैसे पॉपुलर ऐप्स के नकली वर्जन तैयार किए गए हैं। अब अगर आप इन ऐप्स को इंस्टाल कर लेते हैं तो नुकसान हो सकता है। इसलिए इन थर्ड पार्टी ऐप्स को इंस्टाल न करें। इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय की तरफ से अपने विभाग के अधिकारीयों को सलाह दी गई कि वे सभी अपने डिवाइस को अपडेट करें और डिवाइस में एंटीवायरस ऐप इंस्टॉल करें।
इसे भी पढ़ें- भाजपा नेता ने RJD सुप्रीमो को लेकर दिया ऐसा बयान, जिसे सुनकर हो जायेंगे आप हैरान
तेजी से बढ़ रहे हैं साइबर अपराध
देश में साइबर अपराध के मामलों में तेजी देखने को मिली। आईटी मंत्रालय के अनुसार, 2018 की तुलना में 2022 में साइबर अटैक के मामलों में 171 फीसदी की वृद्धि हुई। बता दें कि 2018 में साइबर अटैक के 70,798 मामले आए थे। इसके बाद ये मामले बढ़कर 1,92,439 हो गए।