नई दिल्ली EPS 95 scheme: ईपीएफओ के तहत मिलने वाली ज्यादा पेंशन के लिए डेडलाइन को 26 जून तक कर दिया गया है। इसके आवेदन के लिए कर्मचारियों के पास 1 महीने का समय बचा हुआ हैं। वहीं दूसरी तरफ ईपीएस-95 के दायरे में आने वाले पेंशन धारकों की मिनिमम पेंशन 7500 रुपये मासिक करने के साथ-साथ कई मांग को पूरा करने के लिए पेंशनधारक दिल्ली सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरु करेंगे।
ईपीएस 95 NAC ने अपने एक बयान में कहा कि EPS-95 के लाभार्थीयों ने अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए राष्ट्रीय राजधानी सहित 200 शहरों में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इन मांगों में पेंशन को बढ़ाकर 7500 रुपये मासिक करने के साथ-साथ डीए देने और पेंशनधारकों को बिना किसी ऑप्शन के फ्री में मेडिकल ट्रीटमेंट देना शामिल किया गया है।
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मांग को पूरा करने के लिए पीएम मोदी से कर चुके हैं मुलाकात
आपको बता दें इससे पहले कर्मचारियों को एक ग्रुप पीएम मोदी से मुलाकात कर चुका है। ये प्रदर्शन 2018 से जारी है। बता दें राष्ट्रीय संघर्ष समिति के संयोजक अशोक राऊत के मुताबिक हमारा संघर्ष EPS-1995 के लाभार्थियों को न्याय दिलाने के लिए ये प्रदर्शन 7 सालों के जारी है। वहीं हेमा मालिनी की समक्षता में हमने दो बार पीएम मोदी से मुलाकात की है और उनके द्वारा इसको लेकर विश्वास दिलाया गया लेकिन ये मामा अभी भी रुका हुआ है।
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इसके बाद आरोप लगाए गए कि सरकार जनता के लाभ के लिए काफी सारी स्कीम्स चला रही है, लेकिन सरकार के नियमों के अधीन पेंशन फंड में योगदान करन के बाद भी हमें कॉन्फिडेंशन पर नहीं लिया जा रहा है। राऊत ने दावा किया है कि जीवनभर पेंशन फंड में पैसे जमा करने के बाद आज औसतन सिर्फ 1171 रुपये की पेंशन मिलती है। जो कि काफी नहीं है। लेकिन उन्हें 7500 रुपये और डीए मिले तो उनका सम्मान बढ़ सकता है।
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सैलरी का 12 फीसदी भाग पीएफ में जाता है
आपको बता दें EPS-95 के तहत आने वाले कर्मचारियों की मूल सैलरी का 12 फीसदी भाग EPFO में जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 फीसदी हिस्से में से 8.33 फीसदी ईपीएफ में जाता है। इसके अलावा पेंशन को में सरकार भी 1.16 फीसदी का कंट्रीब्यूशन करती है।