नई दिल्ली: Old Pension Scheme. देश में ऐसे कई मामले हैं जो जबरदस्त चर्चा में रहते है। जिसमें से ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) भी है। आप को बता दें कि वहीं साल 2004 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना यानी NPS लागू कर दी थी। इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को पेंशन उनके कॉन्ट्रीब्यूशन के आधार पर ही मिलेगा। इसके बाद में ही कर्मचारियों में रोष देखा जा रहा है।
आप को बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, जिससे दिन पे दिन संसद से जानकारी निकल के आ रही है। तो वही मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या सरकार दोबारा ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) शुरू करने को लेकर बड़ी जानकारी दी है। इस सवाल का जवाब अब सरकार ने संसद में दिया है।
मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री भगवत कराड ने बताया है कि कि साल 2004 तक देशभर के सरकारी कर्मचारियों को पेंशन पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन का प्रावधान है। इसमें कर्मचारी के आखिरी पेंशन के का 50 फीसदी हिस्सा कर्मचारी को रिटायरमेंट (Retirement) के बाद हर महीने मिलता है।
वित्त राज्य मंत्री भगवत कराड ने लिखित जवाब देते हुए संसद को बताया है कि देश के कुछ राज्यों ने अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था शुरू की है। यह राज्य हैं राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड । इन तीनों राज्यों के सरकारों ने इस मामले पर केंद्र सरकार और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी को लिखित सूचना भी दी है।
वही हाल ही में पंजाब की भगवंत मान सरकार ने 18 नवंबर को एक नोटिफिकेशन जारी करके बताया है कि पंजाब सरकार के कर्मचारियों को NPS से बदलकर OPS में तब्दील किया जा रहा है।
क्या इन राज्यों को मिलेगा NPS रकम?
PFRDA को इन राज्य सरकारों ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह सभी NPS सब्सक्राइबर्स के पैसों को वापस कर दें। इस मामले पर PFRDA ने जवाब दिया है कि PFRDA Act, 2013 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके जरिए एनपीएस में जमा पैसों को राज्य सरकारों को दिया जाए। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसें राज्यों में यहां के राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था शुरू कर दिया है।
जानिए क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम ?
गौरतलब है कि 2004 या उससे पहले तक कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद सरकार उसे हर महीने पेंशन देती थी। इसे ओल्ड पेंशन स्कीम कहा जाता है। इसके तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उनके वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती थी। तो वही 2014 में मोदी सरकार ने एक बिल पास कर इसे बदल दिया और नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) लागू कर दिया।