नई दिल्ली: राशन कार्ड धारकों को लेकर एक अहम जानकारी मिलने वाली है।. मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी वन नेशन वन राशन कार्ड योजना पूरी देश में लागू कर दी गई है। जिसके बाद सभी दुकानों पर इसको जरुरी मान जा रहा है। सबसे अहम बात ये भी मानी जा रही है कि इसका प्रभाव ही होना शुरु हो गया है।
अब राशन तौल में नहीं की जाएगी कोई गड़बड़ी
दरअसल, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून की बात करें तो इसके अनुसार लाभार्थियों को पूरी मात्रा के साथ देखा जाए तो खाद्यान्न मिल सकें इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (EPOS) डिवाइस को इलेक्ट्रॉनिक तराजू को जोड़े जाने को लेकर खाद्य सुरक्षा कानून नियमों में संशोधन होने जा रहा है।
नया नियम देश भर में किया जाना है लागू
अब देश में उचित दर वाली सभी दुकानों को आनलाइन इलेक्ट्रानिक डिवाइस को जोड़ने का प्लान बनाया जा रहा है। यानी अब राशन की तौल में गड़बड़ी की गुंजाइश मानी जा रही है। पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) के लाभार्थी को किसी भी सूरत में कम राशन नहीं वितरित किया जाए इसको लेकर कई तरह की मशीन भी दिया जा चुका है।
ये मशीनें आनलाइन मोड के अलावा आपको काफी सुविधा का मौका मिल जाता है। अब लाभार्थी अपने डिजिटल राशन कार्ड के इस्तेमाल से देश में किसी भी उचित दर में दुकान में जाकर इसका लाभ लिया जा सकता है।
क्या होते हैं नियम
सरकार ने जानकारी दिया है कि यह संशोधन एनएफएसए के मुताबिक देखा जाए तो टारगेट पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (TPDS) के संचालन की पारदर्शिता में सुधार करने के बाद लोगों को कई तरह से लाभ लेने का प्रयास हो रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अनुसार बात करें तो सरकार देश में प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल (खाद्यान्न) क्रमश: 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम दर से फायदा हो जाता है।
इसके तहत पॉइंट ऑफ सेल डिवाइस की खरीद, संचालन और रखरखाव की लागत के लिए प्रदान किए गए अतिरिक्त मार्जिन से अगर किसी भी राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश को यदि बचत होती है तो इसे इलेक्ट्रॉनिक तौल तराजू की खरीद, संचालन एवं रखरखाव के साथ दोनों के एकीकरण के लिए उपयोग में लाया जा रहा है.