Personal Finance : अगर समय पर नहीं भरोगे Home Loan EMI तो इतने दिन बाद बैंक कर सकता है आपके घर पर कब्जा 

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Yogesh Yadav

Personal Finance : होम लोन के चलते आज की डेट में कोई भी व्यक्ति आसानी से अपना घर खरीद सकता है। जब से बैंकों और एनबीएफसी ने होम लोन की सुविधा जारी की है तब से लोग अपने लिए से नया घर या फ्लैट खरीद रहें है।

हालांकि होम लोन लेना हर किसी के बस की बात नही है। होम लोन वही अफोर्ड कर सकता है जिसके पास कोई अच्छी नौकरी हो या फिर कोई अच्छा बिजनेस हो।

होम लोन की राशि का भुगतान बाद में EMI के जरिए लोन धारक कर सकता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यदि आप समय पर Home Loan EMI नही भरते हो तो क्या होता है? बैंक कितने दिन तक EMI का इंतजार करता है?

अगर लम्बे समय से EMI नही चुकाई होती है तो बैंक की तरफ से क्या एक्शन लिया जाता है? अगर आप इन सभी बातों से अनजान हो तो इसी के बारे में हम आपको बताने वाले है।

बैंक भेजेगा आपको लीगल नोटिस

होम लोन, सिक्योर्ड लोन की श्रेणी में आता है जिसका अर्थ है कि होम लोन प्राप्त करने के लिए पहले व्यक्ति को अपनी कोई संपति बैंक के पास गिरवी रखनी पड़ती है। अतः ऐसे में कोई व्यक्ति होम लोन लेता है और Home Loan EMI की पहली किश्त चुकाने में असमर्थ होता है तो बैंक द्वारा इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जाता है क्योंकि बैंक यह मानता है कि किसी कारण के चलते ईएमआई भरने में देरी हुई होगी।

जब दूसरी बार भी लोन धारक EMI की राशि का भुगतान नही करता है तो उसे बैंक की तरफ से एक रिमाइंडर भेजा जाता है। जबकि तीसरी बार भी अगर व्यक्ति ईएमआई नही भरता है तो उस व्यक्ति को बैंक की ओर से ईएमआई के भुगतान के लिए लीगल नोटिस भेजा जाता है। यानी कि तीसरी बार में बैंक कानूनी कार्रवाई करने के ऊपर विचार करने लग जाता है। 

ऐसे में अगर कानूनी नोटिस प्राप्त करने के बाद भी व्यक्ति लोन की ईएमआई भरने में नाकाम रहता है तो उस व्यक्ति को बैंक द्वारा डिफाल्टर घोषित कर दिया जाता है। साथ ही उसके लोन अकाउंट को NPA में शामिल कर दिया जाता है। बाकी वित्तीय संस्थाओं के लिए यह सीमा 120 दिन तय की गई है। इसके बाद बैंक यह विचार करता है कि किस प्रकार लोन की राशि को वसूला जाए।

क्या कहती है RBI की गाइडलाइंस

जैसा कि हमने बताया कि सिक्योर्ड लोन की स्थिति में संपति को बैंक के पास गिरवी रखा जाता है ताकि लोन न चुका पाने की स्थिति में ग्राहक की संपति को बेचकर लोन की राशि को वसूला जाए।

हालांकि बैंक की तरफ से यह आखिरी विकल्प होता है लोन की राशि वसूलने का। इससे पहले RBI Guidelines के आधार पर ग्राहक को काफी ज्यादा समय दिया जाता है लोन की राशि का भुगतान करने के लिए। 

बैंक के पास आखिरी विकल्प नीलामी का होता है जिसके तहत यदि ग्राहक लोन की राशि का भुगतान नही करेगा तो उसकी संपत्ति की नीलामी की जायेगी और पैसा वसूला जाएगा।

लगातार 3 महीने तक EMI की भरपाई न करने पर बैंक द्वारा 2 महीने का अतिरिक्त समय ग्राहक को दिया जाता है। यदि इसके बाद भी ग्राहक भुगतान करने में असमर्थ होता है तो बैंक द्वारा ग्राहक को उसकी संपत्ति के अनुमानित नीलामी राशि के साथ उसे नोटिस भेजता है।

अगर नीलामी से 1 महीने पहले यानी की नीलामी का नोटिस मिलने के एक महीने बाद तक ग्राहक ईएमआई नही चुकता है तो बैंक नीलामी प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ता है।

लेकिन ग्राहक के पास यह विकल्प होता है कि वह लोन लेने के 6 महीने के अंदर कभी भी बैंक से कॉन्टैक्ट कर सकता है और लोन की राशि का भुगतान करके इस समस्या को सुलझा सकता है। 

कोई भी ग्राहक लोन की राशि का समय पर भुगतान नही करता है या भुगतान करने में असफल हो जाता है तो इस स्थिति में ग्राहक को बैंक द्वारा डिफाल्टर मान लिया जाता है।

साथ ही इसके चलते ग्राहक का क्रेडिट स्कोर/सिबिल स्कोर खराब हो जाता है। इस वजह से यदि वह ग्राहक भविष्य में किसी भी प्रकार का लोन प्राप्त करना चाहेगा तो उसको लोन लेने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

Yogesh Yadav के बारे में
Yogesh Yadav मेरा नाम योगेश यादव है और पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा अनुभव 3 सालों से अधिक का है। खास तौर पर फाइनेंस विषय के बारे में लिखने में मेरी रुचि अधिक है। म्यूचुअल फंड, बिजनेस आइडिया, बैंकिंग और पोस्ट स्कीम के बारे में लिखना मुझे पसंद है। अतः TimesBull.com के द्वारा अब मैं अपनी सेवाएं दे रहा हूं। Read More
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