नई दिल्ली: PM Jan Aushadhi Kendra. आज के समय में हर क्षेत्र में मंहगाई तेजी से बढ़ती जा रही है, जिससे हर किसी के लिए काफी खर्चीला समय चल रहा है। तो वही दवाइयों के मामले में तो और भी लोगों की पॉकेट पर लूट रहती है। ऐसे में सरकार भी चाहती है कि लोगों का पैसे सेव हो और इस महंगाई से निजात मिले। जिससे सरकार कई बड़े कदम उठा रही है। आप को बता दें कि जब से केन्द्र में मोदी सरकार आई है, तो लोगों के लिए एक से बढ़कर एक स्कीम को संचालित किए जा रही है। देश में हर जगह सस्ती दवाइयों उपलब्ध हो इसके लिए सरकार जनऔषधि केंद्र को बढ़ा रही है।
मोदी सरकार प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों देशभर के 766 जिलों में से 743 जिलों को और शामिल करते हुए 10,000 जनऔषधि केंद्र शुरू होने जा रहे हैं। सरकार ने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों की संख्या मार्च 2024 तक बढ़ाकर 10,000 करने का निर्णय किया है। इन केंद्रों पर सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं मिलती हैं।
जनऔषधि केंद्रों पर सस्ती होती है दवाएं
इसके खुलने से आपको बहुत जल्द ही देश के कोने-कोने में आम आदमी को सस्ती दवाइयां मिल सकेंगी। आप को बता दें कि भारतीय जनऔषधि केंद्र पर जेनरिक दवाओं को सेल जाता है। इनकी कीमत ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक कम होती है।
मोदी सरकार की ये है बड़ी तैयारी
केंद्र सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत आने वाले औषधि विभाग ने नवंबर 2008 में इन केंद्रों की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों ने दिसंबर 2017 में 3,000 केंद्र खोलने का लक्ष्य हासिल किया था। मार्च 2020 में इन केंद्रों की संख्या बढ़कर 6,000 हो गई। पिछले वित्त वर्ष में ये संख्या 8,610 से बढ़कर अब 10,000 हो गई है।
जनऔषधि केंद्रों पर मिलती है इतनी दवाइयां और उपकरण
आप को बता दें कि जनऔषधि केंद्रों ऐसे कई जरुरी दवाइयां और उपकरण मिलती है। वही इन केंद्रों पर 1,759 दवाएं और 280 सर्जरी उपकरण उपलब्ध हैं। सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने जा रही है। जनऔषधि केंद्रों के जरिये वित्त वर्ष 2021-22 में 893।56 करोड़ रुपये मूल्य की दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों की बिक्री की गई थी। इस तरह ब्रांडेड दवाओं की तुलना में देशवासियों के 5,300 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिली है।