नई दिल्ली: खाने के तेल में दोबारा गिरावट हो चुकी है। सूरजमुखी तेल के रिकाॅर्ड की वजह से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में तेल के दामों में भारी गिरावट देखने को मिली है। जनवरी के महीने में शुल्कमुक्त आयात वाला कोटा सूरजमुखी तेल का सर्वाधिक लगभग 4,72,000 टन का आयात हो चुका है। जबकि देश में इसकी मासिक औसत खपत डेढ़ पौने दो लाख टन पर किया जाता है।
इसी प्रकार जनवरी में सोयाबीन तेल का आयात बढ़ने के बाद लगभग चार लाख टन पर पहुंच गया है। इस सस्ते आयात के रहते कौन ऊंचे दाम वाले सरसों को खरीदने जा रहा है।
देशी तेल तिलहनों के नहीं खपने के खतरे को देखने के साथ तेल खल और डी आयल्ड केक (डीओसी) की कमी का सामना करना पड़ जाता है। खाद्य तेल कीमतों की गिरावट ऐसी है कि काफी समय से सूरजमुखी बीज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर मिल रहा है।
खाद्य तेलों के दाम में गिरावट देखने को मिल गई है। खास बात ये है कि दिनों वेडिंग सीजन होने के बावजूद खाद्य तेलों के दाम में मंदी आमजन को थोड़ी राहत मिल जाती है। पिछले चार पांच दिनों में खाद्य तेलों के दाम पांच से 10 रुपये लीटर तक गिर चुके है।
ऐसे में बाजार में बिकने वाला ब्रांडेड रिफाइंड तेल 150 से घटकर 140 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जबकि सरसों तेल की कीमत 155 रुपये से घटकर 150 रुपये प्रति लीटर हो गयी है।
यूपी में पिछले महीने सरसों का तेल की बात करें तो181 रुपये प्रति लीटर तक जा पहुंच गया है। इसी बीच आज सरसों के तेल का दाम महज 148 रुपये प्रति लीटर है।
जानकारों की मानें तो उत्तर भारत में सरसों तेल की खपत काफी ज्यादा रहती है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल महाराष्ट्र और गुजरात में सूरजमुखी, सोयाबीन, बिनौला, मूंगफली जैसे अन्य तेलों की अधिक खपत ह रहती है। सप्लाई बढ़ने के साथ भी सरसों तेल के भावो में गिरावट हो चुकी है। ताजा जानकारी के मुताबिक यूपी में 7 फरवरी को सरसों तेल का भाव 148 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। जबकि कुछ महीने पहले सरसों का तेल यूपी में 181 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ था।
शहर भाव (प्रति लीटर)
गाज़ियाबाद 148 रूपए
लखनऊ 152 रूपए
आगरा 151 रूपए
मेरठ 147 रूपए
अलाहाबाद 156 रूपए
अलीगढ़ 145 रूपए
कानपुर 200 रूपए
गौतम बुध नगर 157 रूपए
हाथरस 147 रूपए
रायबरेली 156 रूपए