नई दिल्ली: Millet Cultivation: पीएम किसान से जुड़े लाभार्थियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल सरकार की तरफ से पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) से जुड़े किसानों को काफी अच्छा फायदा दिया जा रहा है। वहीं खबर निकलकर आ रही है कि सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 8,000 हेक्टेयर भूमि पर पारंपरिक मोटे अनाज की फसलों की खेती को बढ़ाने और जारी रखने का काम शुरू किया है।
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100 प्रतिशत सब्सिडी की योजना
सरकार जम्मू के 10 जिलों में 100 फीसदी सब्सिडी के साथ मोटे अनाज की 7 किस्मों के बीज उपलब्ध कराएगी। सरकार की तरफ से मोटे अनाज के उत्पादन और खपत को बढ़ाने के साथ पोषक अनाज को बढ़ावा देने के लिए 15 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। अधिकारीयों ने कहा कि इस परियोजना को शुरू करने का मकसद 8,000 हेक्टेयर भूमि में पारंपरिक मोटे अनाज खेती को पुनर्जीवित करना और प्रति हेक्टेयर प्रोडक्शन को 10 से बढ़ाकर 20 क्विंटल करना है।
कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के अनुसार, तीन साल में लागू की जाने वाली इस परियोजना का उद्देशय मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही उनका मूल्य बढ़ाना और किसानों के लिए एंटरप्रिन्योरशिप के मौके बनाना है। सरकार ने मोटे अनाज को उगाने के लिए 1400 हेक्टेयर क्षेत्र रखा है और किसान को 100 फीसदी सब्सिडी के साथ बीज दिया जा रहा है।
वहीं कृषि (लागत) विभाग के संयुक्त निदेशक, एएस रीन ने इसपर कहा कि, जम्मू के 10 जिलों में मोटे अनाज की खेती करने के लिए 1400 हेक्टेयर भूमि तय की है। उन्होंने कहा कि हमारे पास मोटे अनाज की 7 अलग-अलग किस्में हैं, जिन्हें 100 फीसदी सब्सिडी के साथ किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। एएस रीन ने बताया कि अगर कोई किसान मिनि प्रोसेसिंग प्लांट शुरू करने की इच्छा रखता है तो उसे सरकार की तरफ से 4 से 5.25 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही है।
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इसी के साथ उन्होंने कहा कि हम मोटे अनाज वाले रेस्तरां को भी बढ़ावा दे रहे हैं। मोटा अनाज वाला भोजन देने के लिए उन्हें 2 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। मोटा अनाज को जलवायु परिवर्तन के प्रति सहिष्णुपन के कारण ‘चमत्कारिक अनाज’ या ‘भविष्य की फसल’ के रूप में जाना जाता है।