नई दिल्ली Income Tax Return: अगर आप इनकम टैक्सेबल हैं तो आपको आईटीआर जरुर फाइल करना चाहिए। आपको बता दें इनकम टैक्स विभाग ने ITR फाइल करने की वेबसाइट पर एक नई सुविधा को शुरु किया था। जो किसी शख्स को बाद में इनकम टैक्स का पेमेंट करने की परमीशन देती है। इसका अर्थ है कि कोई भी शख्स पेंडिंग इनकम टैक्स किए बिना ITR दाखिल करना जारी रख सकता है। एक बार आईटीआर दाखिल करने के बाद कुछ शर्तों के साथ इनकम टैक्स की रकम का पेमेंट किया जा सकता है। पहले सिर्फ तभी फाइल किया जा सकता था जब बाकी टैक्स का पेमेंट कर दिया गया हो।
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आपको बता दें जब हम इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है तो इनकम टैक्स विभाग ने बाद में पेमेंट का ऑप्शन दिया है। इसलिए कोई भी शख्स बाद में पेमेंट के ऑप्शन का इस्तेमाल करके इनकम टैक्स का पेमेंट किए बिना ITR फाइल कर सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल पर ‘Pay Later’ के ऑप्शन का इस्तेमाल कैसे करें। ये हम जानते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
बहराल बाद में पेमेंट ऑप्शन का इस्तेमाल अग्रिम कर, TDS और दूसरे पेमेंट के लिए नहीं किया जा सकता है। बाद में पेमेंट करें ऑप्शन का इस्तेमाल करते समय शख्स को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। एक बार जब आप ITR फाइल करते समय इस ऑप्शन का चुनाव करते हैं तो सबसे पहले ये लिखा होगा यू में बी कंसींडर एज एसेसी इन डिफॉल्ट, दूसरा ऑप्शन यू मे बी लाइबल टू पे इंटरेस्ट ऑन टैक्स पेयबल लिखा होता है।
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टैक्स वसूली के उपाय
अगर टैक्स बाकी या फिर दंडात्मक लागू है तो किसी शख्स को डिफॉल्ट रूप से निर्धारित माना जाएगा। जब एक बार जब किसी शख्स को डिफॉल्ट टैक्सपेयर के रूप में माना जाता है। तो इनकम टैक्स विभाग ऐसे टैक्स की वसूली के लिए सभी उपायों को शुरु कर सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमें के हेल्पडेस्क एजेंट के मुताबिक ITR में संशोधन के बाद टैक्सपेयर्स को नोटिस भेज दिया जाएगा। इस नोटिस में ये लिखा होगा कि जल्द से जल्द टैक्स का भुगतान करें। इसके बाद किसी भी शक्स को इनकम टैक्स का पेमेंट करने के लिए 30 दिन का समय मिलेगा। जिसमें जुर्माने के रूप में ब्याज नहीं लगेगा। अगर बाकी का टैक्स का भुगतान 30 दिनों के बाद नहीं किया जाता है तो जुर्माने के रूप में ब्याज लागू किया जाएगा।