नई दिल्ली EPFO Update: प्राइवेट सक्टर में काम करने वाले सभी कर्मचारी पीएफ खाते में पैसा जमा करते हैं। इसके बाद रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को पीएफ फंड दिया जाता है। संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को ईपीएफ खाते में कंपनी और कर्मचारी दोनों की तरफ से कंट्रीब्यूशन दिया जाता है। ये योगदान बेसिक सैलरी का 12-12 फीसदी होता है।
सरकार की तरफ से हर साल ईपीएफ की ब्याज दरें तय की जाती है। फाइनेशियल ईयर 2022-23 के लिए 8.1 फसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है। ईपीएफ एक ऐसा खाता है जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे फंड बनता जाता है।
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25 हजार रुपये की वेसिक सैलरी पर रिटायरमेंट फंड
मान लें आपकी बेसितक सैलरी और महंगाई भत्ता 25 हजार रुपये है। आपकी आयु 30 साल है और रिटायरमेंट की आयु 58 साल है। ईपीएफ कैलकुलेटर के अनुसार, यद रिटायरमेंट तक ईपीएफ पर सालाना ब्याज 8.1 फीसदी मिलता है। इसके साथ में हर साल औसत सैलरी ग्रोथ 10 फीसदी का होता है, रिटायमेंट पर आपरे पास संभावित 1.68 करोड़ का फंड हो जाता है। EPF स्कीम में 58 साल तक योगदान कर सकते हैं।
EPF खाते में इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी जमा होता है। लेकिन कर्मचाारी की 12 फीसदी की राशि दो भागों में जमा होती है। कर्मचारियों के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी राशि कर्मचारी पेंशन खाते में जमा होती है और बाकी के 3.76 फीसदी राशि ही EPF खाते में होती है। जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 15 हजार रुपये से कम है तो उनके लिए इस स्कीम से जुड़ना जरुरी है।
पीएफ पर कैसे होती है ब्याज की कैलकुलेशन
पीएफ खाते में हर महीने जमा पैसे यानि कि मंथली रनिंग बैलेंस के आधार पर ब्याज की गणना की जाती है। लेकिन उसे साल के आखिर में जमा किया जाता है। ईपीएफओ के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि में सालभर में यदि कोई राशि निकाली गई है तो उसे कमकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है।
ईपीएफओ हमेशा खाते का ओपनिंग और क्लोजंग बैलेंस लेता है। इसका कैलकुलेशन के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट 1200 गुणा कर दिया जाता है।