नई दिल्ली PPF Vs SIP: मौजूदा समय में अधिकतर लोग निवेश करते हैं। बहराल निवेश के काफी सारे ऑप्शन उपलब्ध हैं। लोगों अपनी सुविधानुसार निवेश ऑप्शन चुनते हैं। लोग उन्हीं स्कीम में पैसा निवेश करते हैं जहां पर उनको गारंटीड रिटर्न मिलता है और निवेश की गई रकम सेफ रहे।
वहीं कुछ लोग थोड़ा सा जोखिम लेकर ज्यादा लाभ कमाना पसंद करते हैं पीपीएफ और म्यूचुअल फंड एसआईपी ये दो ऐसी ही स्कीम्स हैं। पीपीएफ सरकारी गारंटी वाली स्कीम है। जिसमें लंबे समय तक निवेश करना होता है।
पीपीएफ 15 साल के बाद मैच्योर होती है। वहीं SIP मार्केट लिंक्ड स्कीम है। जिसमें रिटर्न तो गारंटीड नहीं है, लेकिन ज्यादा मुनाफा कमाने का मौका होता है। SIP को आप अपनी इच्छा से कितने भी समय के लिए चला सकते हैं और जब चाहें पैसा निकाल सकते हैं।
हालांकि लंबे समय की SIP को लाभ का सौदा माना जाता है। आपको बताते हैं कि यदि 15 सालों में दोनों स्कीम्स में 15-15 सालों तक 500 रुपये महीने निवेश किया जाए, तो कितमें कितना पैसा बनेगा।
पीपीएफ स्कीम में करें निवेश
सरकारी गारंटी वाली इस स्कीम में इस समय में 7.1 फीसदी के हिसाब से रिटर्न मिल रहा है। यदि आप इस स्कीम में मंथली 5 हजार रुपये के हिसाब से निवेश करते हैं तो सालाना 60 हजार रुपये का निवेश करेंगे।
ऐसे में आप 15 सालों में कुल 9 लाख रुपये निवेश करेंगे। वहीं 7.1 फीसदी के हिसाब से आपको 7 लाख 27 हजार 284 रुपये का ब्याज के तौर पर मिलेंगे और इस प्रकार आपको मैच्योरिटी पर ब्याज सहित कुल 16 लाख 27 हजार 284 रुपये मिलेंगे।
एसआईपी में करें निवेश
बाजार में लिंक्ड होने की वजह से SIP में निवेश जरा जोखिमभरा है, लेकिन फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की मानें तो इसमें औसतन 12 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल जाता है।
काफी बार ब्याज इससे ज्यादा भी मिल जाता है। यदि आप हर महीने 5 हजार रुपये SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं, सालाना इसमें भी 60 हजार रुपये निवेश करेंगे और 15 सालों में कुल 9 लाख रुपये निवेश करेंगे।
ऐसे में यदि 12 फीसदी के हिसाब से रिटर्न का कैलकुलेशन किया जाए तो 16 लाख 22 हजार 880 रुपये और आपक इसमें ब्याज के तौर पर ही मिल जाएंगे। इसका अर्थ है कि पैसा आपको पीपीएफ में मैच्योरिटी पर मिलेगा। तकरीबन उतना आपको इसमें ब्याज से मि सकता है।
ऐसे में 15 सालों के बाद आप निवेशित राशि और ब्याज की रकम सहित कुल 25 लाख 22 हजार 880 रुपये प्राप्त होंगे। अगर रिटर्न 12 फीसदी से बेहतर मिला तो ये राशि इससे ज्यादा हो सकती है।