नई दिल्ली EPFO Limit Increased: अगर आप नौकरी पेशा हैं तो ये खबर आपके लिए खास हो सकती है। आपको बता दें इस समय EPFO पेंशन लाभ के लिए मौजूदा वेतन की सीमा को बढाने के लिए विचार कर रहा है। इसमें EPFO सैलरी लिमिट 15000 रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये हर महीने करने का विचार कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक EPFO के अधिकतर सदस्य इस फैसले के पक्ष में हैं क्यों कि सैलरी की सीमा में अखिरी बार संशोधन 2014 में किया गया था। सैलरी की सीमा इस इजाफे से और भी लोग इसके दायरे में आएंगे। इसका सीधा लाभ 75 लाख से अधिक कर्मचारियों को होगा।
इसे भी पढ़ें- चंद घंटे बाद भारतीय लड़कियों के दिलों पर राज करने आ रहा 108MP कैमरा वाला धाकड़ 5G फोन, DSLR की छुट्टी!!
सरकारी की मंजूरी का है इंतजार
आपको बता दें EPFO के इस फैसले पर सरकार की मंजूरी जरुरी है क्यों कि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही बोर्ड इस पर फैसला ले सकता है। बोर्ड के इस फैसले के बाद सरकार का बोझ कम होगा। कर्मचारी पेंशन स्कीम EPFO पर सरकार हर सार तकरीबन 6750 करोड़ रुपये खर्च करती है। सैलरी की लिमिट के बाद सरकार को इसके लिए अलग से प्रावधान करना होगा।
इसे भी पढ़ें- मई महीने में इन टू व्हीलर्स ब्रांड का रहा दबदबा, कुछ ही दूरी से नंबर 1 बनते रह गई ये कंपनी!
इससे पहले 2014 में हुआ संशोधन
आपको बता दें 15 हजार रुपये से कम सैलरी वाले लोगों के लिए ईपीएफ स्कीम बेहद जरुरी है। इसमें सरकार आपकी लोगों का बैसिक वेतन का 1.6 फीसदी आरके PF खाते में कंट्रीब्यूशन के तौर पर देती है। सैलरी लिमिट 15 हजार रुपये से बढ़कर 21 हजार करने से तकरबीन 75 लाख कर्मचारियों को फायदा हो सकता है। इससे पहले 2014 में सैलरी लिमिट को बढ़ाकर 15 हजार रुपये किया गया था।
इसे भी पढ़ें- Rohit Sharma के बाद ये तीन खिलाड़ी बन सकते हैं नए टेस्ट कप्तान, जानिए इन खिलाड़ियों के बारे में
EPFO कैसे करता है काम
आपको बता दें ईपीएफओ में जो रकम जमा होती है उस पर पर सरकार सालाना ब्याज देती है। ये ब्याज दर 8.1 फीसदी है। कर्मचारियों की बैसिक सैलरी का 12 फीसदी EPFO जाता है। नियोक्ता कंपनी भी इतनी ही राशि कर्मचारी के पीएफ खाते में कर्मचारी के नाम से डालती है। देखा जाए तो 12 फीसदी में से कंपनी 8.33 फीसदी कर्मचारी के ईपीएस में और 3.67 फीसदी ईपीएफ में डालती है।