मौसम के बदलने के साथ ही, कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिनमें से एक येलो फीवर भी शामिल है। यह एक वायरल बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होती है। इसके लिए टीकाकरण का प्रसार किया जा रहा है। तमिलनाडु में स्वास्थ्य मंत्री ने तीन टीकाकरण केंद्र खोले हैं और लोगों को टीका लगवाने की सलाह दी है।
यह उपाय बीमारी के प्रसार को रोकने में मददगार हो सकता है और सामुदायिक स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाए रखने में सहायक हो सकता है। लोगों को अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने और टीकाकरण के माध्यम से बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक होना चाहिए।
योलो फीवर क्या हैं ?
योलो फीवर एक गंभीर बीमारी है जो विशेष तरह के मच्छर के काटने से होती है। यह एक वायरल रोग है जो एडीज और हेमागोगस मच्छर के काटने से मनुष्यों में होता है। इस बुखार के लक्षण 3 से 6 दिन में दिखाई देते हैं और इसके बाद पीलिया (या पीले रंग की त्वचा) के लक्षण भी दिखाई देते हैं।
योलो फीवर के लिए 3 चक्र होते हैं – सिल्वेटिक, मध्यवर्ती, और शहरी। पहला चक्र जंगली मच्छर के काटने के बाद होता है, जब वायरस अन्य जानवरों और मनुष्यों तक पहुंचता है। दूसरा चक्र घरेलू मच्छरों के काटने के बाद होता है, और तीसरा चक्र जहां मच्छर और जनसंख्या अधिक होते हैं, वहां फैलता है।
योलो फीवर रोगी को अच्छी तरह से परीक्षण के बाद उपचार किया जाना चाहिए। इस बीमारी का परीक्षण और उपचार केंद्रीय विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिए। योलो फीवर से बचाव के लिए सभी व्यक्तियों को अपने आसपास के जल जमाव को नियंत्रित करना चाहिए और मच्छरों के काटने से बचने के लिए सभी सावधानियों का पालन करना चाहिए।
येलो फीवर के लक्षण
येलो फीवर के लक्षण अक्सर एक सप्ताह के भीतर दिखाई देते हैं, और इनमें से कुछ आम लक्षण हैं जैसे:
- अचानक बुखार: यह एक प्रमुख लक्षण है जो येलो फीवर के संकेतों में शामिल है।
- भयंकर सरदर्द: मामूली सरदर्द से लेकर गंभीर माइग्रेन जैसा भयंकर दर्द हो सकता है।
- शरीर दर्द: मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द हो सकता है।
- थकान: अचानक और अत्यधिक थकान महसूस हो सकती है।
- उल्टी: उल्टियां आ सकती हैं, जो येलो फीवर के एक संकेत हो सकते हैं।
- पीली त्वचा या आंखें: पीला त्वचा या आंखों का सफेद हो जाना यह बीमारी का एक सामान्य लक्षण हो सकता है।
- झटके लगना: व्यक्ति को अचानक झटके लग सकते हैं, जो कि बीमारी के संकेत हो सकते हैं।
- मांसपेशियों में दर्द: अक्सर मांसपेशियों में भी दर्द होता है, जो कि इस बीमारी के एक संकेत हो सकता है।
येलो फीवर से बचाव
येलो फीवर से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं:
- मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग: घर में मच्छरों को दूर भगाने के लिए उपलब्ध क्रीम का प्रयोग करें।
- त्वचा और कपड़ों पर क्रीम का प्रयोग: बारिश के दिनों में और जंगलों में जाते समय, त्वचा और कपड़ों पर मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें।
- गीले इलाकों से बचें: गर्मियों में जंगलों या गीले इलाकों में जाने से बचें, क्योंकि वहाँ मच्छरों के प्रजनन स्थल हो सकते हैं।
- पानी पीना: खूब पानी पीने से शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान रखने में मदद मिलती है।
- सावधान रहें: मौसम के दौरान सावधान रहें और सुरक्षित रहें, विशेषकर रात को।
- टीका लगवाएं: यदि संभव हो, तो नजदीकी केंद्र पर जाकर येलो फीवर की वैक्सीन लगवाएं।