नई दिल्ली Ration Center Supply: केंद्र सरकार सभी राज्यों के लोगों को लाभ पहुचांने के लिए जोरों से काम कर रही है। हाल ही में झारखंड राज्य को 5000 मीट्रिक टन अनाज दिया है। इसके बाद से NFSA के तहत जुड़ें 2 करोड़ 64 लाख लोगों के बीच अगस्त का अनाज डिस्ट्रीब्यूशन शुरु किया गया है। पहले झारखंड में हर महीने 145 मीट्रिक टन अनाज का वितरण किया जात है। लेकिन इस अगस्त महीने 1.25 करोड़ लोगों के बीच में अनाज नहीं बंट रहा था। क्यों कि केंद्र सरकार ने राज्या सरकार को 74 हजार मीट्रिक टन अनाज के एलॉट को रोक दिया था। इस कारण से 1.25 लाख से अधिक लोग अनाज के वंचित रह गए।

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वहीं केंद्र सरकार ने दावा किया था कि झारखंड सरकार को हर महीने जरुरी अनाज दिया जाएगा। लेकिन 74 हजार मीट्रिक टन अनाज का राज्य के पास कोई हिसाब नहीं है। राज्य इसका हिसाब बताए। इसके बाद आगे अनाज दिया जाएगा। इस आशय की खबर आपके अपने अखबार हिंदुस्तान ने 21 अगस्त को प्रकाशित की थी। इशके बाद झारखंड सरकार ने इस दिशा में केंद्र सरकार ने सभी समस्या के समाधान की दिशा में कदम को बढ़ाया है। वहीं मंत्री ने बताया है कि पब्लिक वितरण प्रणाली के दुकानदारों की लापरवाही लाभुकों के बीच में सहीं तरीके से अनाज नहीं बंट पाता है।

केंद्र ने सभी को हर महीने 5 किलो राशन देती है। इसी में झारखंड के खाद्य निदेशक दिलीप तिर्की ने जानकारी दी कि राज्य में 2 करोड़ 64 लाख लोगों को एनएफएसए के तहत हर महीने 5 किलो राशन देती है। जिसके बाद मंथली 145 मीट्रिक टन अनाज का वितरण होता है। केंद्र सरकार ने इस अनाज के बारे में ये मामला सुलझाने के बाद 5 हजार मीट्रिक टन अनाज राज्य को मिला। इसके बाद अगस्त महीने का अनाज तेजी से वितरित किया गया।

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अगस्त में झारखंड सरकार को मिलेगा रोका गया अनाज

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार के द्वारा ज्यादा राशन के मामले को उठाते हुए अनाज को रोक दिया था। इस कारण से राज्य के लोगों को 5 किलो राशन नहीं मिल पाया है। इसके बारे में राज्य सरकार ने कहा है कि बैकलॉग के हिसाब से राज्य 50,000 मीट्रिक टन अवाज का हिसाब नहीं मिल रहा है। राज्य ने केंद्र सरकार से विनती की थी कि अनाज का आवंटन को नहीं रोका जाए।

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मीडिया के क्षेत्र में 3 साल का अनुभव है। 2020 में छत्रपति शाहू जी महाराज कानपुर यूनिवर्सिटी...