आप को बता दें कि अक्सर लोगो में अपने बैंख खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाते हैं, जिससे चार्ज देना पड़ता है। सब कुछ सही रहा तो अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने से छुटकारा मिलने वाला है। अलग-अलग बैंकों की तरफ से मिनिमम बैलेंस की लिमिट अलग-अलग होती है। केंद्र सरकारी की तरफ पिछले दिनों जन-धन खाते खोले गए। इस तरह के अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन रखने की बाध्यता नहीं रहती।
खत्म हो सकती है बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन रखने की बाध्यता
मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने पर हाल ही में वित्त राज्यमंत्री भगवंत कराड ने अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बैंकों के निदेशक मंडल न्यूनतम धनराशि नहीं रखने वालों के खातों पर जुर्माना खत्म करने का फैसला ले सकते हैं। कराड ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि बैंक पूरी तरह स्वतंत्र निकाय होते हैं। बैकों का निदेशक मंडल मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर लगने वाले जुर्माने को खत्म कर सकरने का फैसला लिया जा सकता है।
आप को बता दे कि अभी देशभर के कई बैंक अपने यहां पर ग्राहकों के बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर लाखों करोड़ों रुपए वसूलते हैं। जिससे सरकार की ओर से उम्मीद की जा रही है कि बैंक ग्राहकों के लिए राहत मिल सकती है।
पिछले दिनों ही खाते के मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने से जुड़ें सवाल के जबाब में वित्त राज्यमंत्री कराड से पूछा गया था। कि क्या केंद्र बैंकों को इस पर आदेश देने का विचार कर रहा है कि जिन खातों में जमा राशि न्यूनतम निर्धारित स्तर से नीचे चली जाती है, उन पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाए। इस पर उन्होंने यह निर्णय बैंकों की तरफ से लिये जाने की बात कही। अगर बैंकों की तरफ से यह फैसला लिया जाता है तो इसका फायदा छोटे-बड़े सभी बैंकों के ग्राहकों को मिलेगा।
वही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया खाता शहरी क्षेत्र की ब्रांच में तो आपको अपने खाते में कम से कम 1,000 रुपये रखना जरूरी है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के खाताधारकों के लिए 1,000 रुपये मिनिमम बैलेंस की राशि है अगर ग्राहक अपने बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नही कर पाते हैं को चार्जेस देने पड़ते हैं।