नई दिल्ली PM KISAN YOJANA: मोदी सरकार के द्वारा किसानों के लिए काफी सारी महत्वकांक्षी स्कीम चलाई जा रही हैं। इस स्कीम में पीएम किसान स्कीम भी शामिल है। हाल ही में सरकार के द्वारा संसद में सूचित किया गया है
कि उसके पास पीएम किसान स्कीम के तहत किसानों को फाइनेंशियल लाभ बढ़ाकर 8 हजार से 12 हजार रुपये सालाना करने को नहीं कहा गया है। संसद में कृषि मंत्री ने कहा कि स्कीम के तहत महिला किसानों के लिए रकम बढ़ाने का प्रस्ताव जायज है।
सरकार के द्वारा 2019 में पीएम किसान स्कीम को पेश किया गया था। इस स्कीम के तहत हर चार महीने में 2 हजार रुपये तीन किस्तों में हर साल 6 हजार रुपये का वित्तीय लाभ दिया जाता है। पैसों को सीधे लाभार्थयों के बैंक खाते में ट्रांसफ किया जाता है। ये पूछे जाने पर कि क्या सरकार इस रकम को बढ़ाकर 8 हजार रुपये से 12 हजार रुपये सालाना करने का प्लान बना रही है।
वहीं स्कीम के तहत हुई प्रगति को शेयर करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने अब तक 15 किस्तों में 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 2.81 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का पेमेंट किया है। उन्होंने कहा कि ये लाभ भुमिधारक किसानों को फाइनेंशियल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रदान किया जाता है।
इसके बाद में मुंडा ने ये कहा कि पीएम किसान दुनिया की सबसे बडी डीबीटी स्कीम में से एक है। सरकार ने डिजिटलीकरण से ये सुनिश्चित किया है कि स्कीम का लाभ बिचौलियों की भागीदारी के बिना देश के साभी किसानों तक पहुंचे।
एक अलग प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि यूपी में स्कीम की शुरुआत के बाद से ढ़ाई करोड़ से ज्यादा किसानों को लाभ प्राप्त होता है। ये स्कीम दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार चल रही है। इस स्कीम के तहत लाभार्थियों को पहचान और सत्यापन करना राज्यों और केंद्रशासित राज्यों की जिम्मेदारी है।