Car Buying Tips: नई कार खरीदना किसी के लिए सपना से कम नहीं होता है। इसीलिए इसे खरीदने से पहले लोग काफी ज्यादा खुश होते हैं। सभी का मानना होता है कि वह अपने घर एक नए सदस्य को ला रहे हैं। लेकिन जब आपकी नई कार में दिक्कतें आने शुरू होती है तो आप काफी ज्यादा परेशान हो जाते हैं। आज भी भारत में कार खरीदना एक बड़ी बात होती है। इसीलिए हम उत्सुकता में आकर गलती कर देते हैं। अगर हम कार खरीदने से पहले उसकी PDI जांच करवा ले तो डीलरशिप आपका फायदा नहीं उठा पाएंगे और आपको एक बेहतरीन कार मिल जाएगी। आज इस आर्टिकल में हम इसी PDI जांच के बारे में पूरी जानकारी लेंगे।
यह भी पढ़ें:-गिरने को जगह बढ़ गई Maruti Jimny की डिमांड, सोच से ज्यादा मिल गया बुकिंग
Maruti Suzuki Swift 2024: Booking, features, launch date and price
2024 Bajaj Pulsar 125: Powerful bike with powerful updates!
PDI का फुल फॉर्म प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन होता है। जब भी आप नई गाड़ी लेने जाते हैं तो आप उसकी जांच करवा सकते हैं। आप अगर कोई नया सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने डीलरशिप पड़ जाते हैं तो आप यह जांच अवश्य करवाएं। इस जांच का सफलतापूर्वक होने के बाद ही आपको पैसे का भुगतान करना चाहिए। ऐसा करने से शोरूम वाले आपको कभी भी खराब गाड़ी देने की कोशिश नहीं करेंगे।
यह भी पढ़ें:-सबसे क्यूट Electric कार MG Comet है काफी पॉवरफुल, जानें इसका ड्राइविंग एक्सपीरियंस
इस जांच में गाड़ी के एक्सटीरियर को पूरी तरीके से चेक किया जाता है। अगर इस पर किसी प्रकार का डेट, खराब पैंट, स्क्रैच होता है तो आपको इसकी जानकारी हो जाएगी। वहीं इसके जरिए हेड लाइट, टेल लाइट, इंडिकेटर और बाकी एक्सटीरियर लाइट की भी जांच कराई जाती है। इसके बाद गाड़ी के लोगों को भी जांचा जाता है। इसके बाद गाड़ी के लोगो की भी जांच की जाती है कि इसे ठीक से लगाया गया है या नहीं।
एक्सटीरियर जांच करने के बाद गाड़ी के इंटीरियर की भी जांच की जाती है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक पार्ट से लेकर सीटें और अपहोलस्ट्र भी शामिल होती हैं। PDI जांच से अगर गाड़ी में किसी भी प्रकार की खराबी होती है तो यह आपको पहले ही पता लग जाता है। ऐसे में आप खराब गाड़ी लेने से बच जाते हैं।