CNG Cars Tips: भारत के बड़े शहरों में सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। पेट्रोल के मुकाबले इनकी कीमत काफी कम होती है। यही कारण है कि उनकी पापुलैरिटी बढ़ती जा रही है। सरकारें भी इन्हें काफी प्रमोट करती है क्योंकि इस गैस से पर्यावरण को खतरा नहीं होता है।
अब जब बात सीएनजी से चलने वाली कारों की हो ही रही है तो आपने इसमें सफ़र करते हुए यह गौर किया होगा कि जब भी सीएनजी पंप पर इन गाड़ियों में सीएनजी भरवारा जाता है तो उनमें मौजूद यात्रियों को नीचे उतार दिया जाता है। हम सभी सोचते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है।
लेकिन हम में से बातों को इसके पीछे का कारण नहीं पता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको चार ऐसे कारण बताने वाले हैं, जिसके कारण सीएनजी सिलेंडर में गैस भरते वक्त हादसा हो सकता है और इसी हादसे को टालने के लिए यात्रियों को नीचे उतार दिया जाता है।
यात्रियों की जान की सुरक्षा
ड्राइवर यात्रियों को गाड़ी से बाहर इसलिए निकाल देता है क्योंकि सीएनजी भरवाते वक्त अगर सिलेंडर में थोड़ी बहुत भी लीकेज हो गई तो गाड़ी में विस्फोट हो सकता है। जिसके कारण यात्रियों की जान खतरे में आ जाएगी।
नहीं होती ओरिजिनल CNG किट
दूसरा मुख्य कारण है कि भारत में आज भी कई ऐसी गाड़ियां सड़कों पर मौजूद है जिसमें फैक्ट्री फिटेड सीएनजी किट नहीं मिलती है। लोग बाहर से मैकेनिक के जरिए सीएनजी किट लगवा लेते हैं। आफ्टर मार्केट सीएनजी किट वाली गाड़ियों के सीएनजी भरने का नॉब या तो पीछे की बूट में होता है या फिर सीट के नीचे। ऐसे में इन गाड़ियों में सीएनजी भरने के लिए यात्रियों को बाहर निकलना आवश्यक हो जाता है।
जहरीली है ये गैस
सीएनजी एक ऐसी गैस है जो जहरीली होती है। अगर इसकी थोड़ी सी भी मात्र गाड़ी में फैल गई और यात्रियों ने उन्हें सुन लिया तो उन्हें सिर दर्द, उल्टी या फिर चक्कर आने लगेगा।
मीटर देखना है जरूरी
पेट्रोल और डीजल पंप के मुकाबले सीएनजी पंप थोड़ा सा अलग होता है। ड्राइवर को मीटर की मॉनिटरिंग करने के लिए गाड़ी से उतारना आवश्यक है और सावधानी बढ़ाते हुए वह यात्रियों को भी बाहर निकाल देता है।