Vastu Tips : वास्तुशास्त्र के मान्यताओं और धारणाओं के अनुसार, शाम का समय, जब सूरज ढलने शुरू होता है लेकिन अंधेरा नहीं होता है, वास्तु के नियमों के अनुसार महत्वपूर्ण होता है। इस समय को ‘ब्रह्ममुहूर्त’ के रूप में भी जाना जाता है और इसे समान्यतः सुबह के समय शुरू होने वाले पहले समय के रूप में जाना जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, शाम का समय माता लक्ष्मी के आगमन का समय माना जाता है, जिसे वास्तुदोष न बनाने के लिए ध्यान में रखा जाता है। इस समय वास्तु नियमों का पालन करने से धन, समृद्धि, और खुशहाली की वृद्धि होने का विशेष मान्यता है।
उधार न दें न लें :
वास्तुशास्त्र में कुछ नियमों के अनुसार शाम के समय में पैसों का उधार न देने की सलाह दी जाती है। इसका मुख्य कारण है कि इस समय पैसों का उधार लेना या देना माता लक्ष्मी के कोप का कारण बन सकता है और वित्तीय समस्याओं का कारण बन सकता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, शाम के समय पैसों का उधार न देने के अलावा, पैसों का उधार न लेना भी अच्छा माना जाता है। इस धारणा के पीछे यह विचार होता है कि इस समय पैसों का उधार लेना व्यक्ति को ऋण के बोझ के रूप में रख सकता है और अधिकांश अवसरों पर ऋण की चुकता नहीं होती है।
तुलसी के पत्ते न तोड़ें :
तुलसी के पौधे को मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। तुलसी को सद्गुणों और धार्मिक महत्व के प्रतीक के रूप में सम्मान दिया जाता है। धार्मिक विश्वास के अनुसार, तुलसी का पौधा पूजनीय मान्यता रखता है और उसके तत्वों में दिव्यता होती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, शाम के समय, जब सूरज ढलने के बाद भी अंधकार नहीं होता है, तब भूले से भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने की सलाह दी जाती है। यह उन नियमों में से एक है जो शाम के समय वास्तुदोष न बनाने के लिए सुझाए जाते हैं। तुलसी के पत्तों को न तोड़ने से वास्तु में लक्ष्मी का आगमन बना रहता है और धन, समृद्धि, और सौभाग्य को बढ़ावा मिलता है, जो अच्छा माना जाता है।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।