उत्तराषाढ़ा नक्षत्र (Uttarashadha Nakshatra) एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है। इसे शक्तिशाली नक्षत्र (Constellation) के तौर पर देखा जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी ग्रह सूर्य हैं और सूर्य का प्रभाव इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर होता है। ऐसे में आत्मविश्वास से भरे होते हैं। इनमें कभी निराशा का भाव देखने को नहीं मिलता।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्म लेने वालों की विशेषताएं
- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक काफी आकर्षक और मिलनसार होते हैं।
- ये काफी असाधारण होते हैं। ये काफी धार्मिक भी होते हैं।
- अपने कार्यों और जिम्मेदारियों को पूरे समर्पण और ईमानदारी के साथ निभाते हैं।
- ये काफी मेहनती और बुद्धिमान होने के साथ ही हर तरह के कार्य में माहिर होते हैं।
- ये जातक गलत कार्यों से दूर रहते हैं और गलत न करने का पूरा प्रयास भी करते हैं।
- ये जातक थोड़े अंतर्मुखी होते हैं।
- इनके साथ आसानी से रिश्ता बनाना जितना मुश्किल होता है, उतना ही मुश्किल इनके बारे में जानना होता है।
- इस नक्षत्र वाले पुरुष जातक थोड़े दयालु और सरल होते हैं।
- ये महिलाओं का काफी सम्मान करते हैं।
- नौकरी आदि के लिए भले ही दूर चले जाएं, लेकिन अपने परिवार से मिलने का समय निकाल लेते हैं।
- इनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। , जीवनसाथी का स्वभाव भी मधुर होता है।
- बढ़ती उम्र के साथ ही इनके कॅरियर में भी वृद्धि होगी।
नकारात्मक बातें
- इस नक्षत्र की महिला जातक आक्रामक होती हैं। इनके साथ बातचीत के वक्त थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।
- महिला जातक आसानी से किसी पर भरोसा नहीं करतीं।
- इस नक्षत्र में जन्मे जातकों को अपने करियर के प्रति थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।
- आपका कोई अपना ही आपको धोखा दे सकता है।
- पार्टनरशिप में व्यापार से ज्यादा लाभ नहीं होता।
- महिला जातकों कि पढ़ाई-लिखाई अच्छी होती है और ऐसे में शिक्षक का पेशा इनके लिए अनुकूल होता है।
- इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों को नुकीली वस्तुओं से सावधान रहने की जरूरत होती है।
उपाय
- किसी तरह की परेशानी की स्थिति में इन जातकों को कटहल के वृक्ष के नीचे जाकर दोनों हाथ जोड़कर सूर्य देवता की प्रार्थना करने से लाभ होता है।
- कुंडली में सूर्य, शनि और गुरु कमजोर हों, तो काफी परेशानी झेलने पड़ सकती है। ऐसे में इस दोष का निवारण कराने की जरूरत है।