आप समाज में सक्रिय रहेंगे या फिर अकेला जिंदगी (Lonely Life) जीना चाहेंगे। इसे हर किसी को जानना चाहिए। ताकि उस व्यक्ति को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के पांचवें भाव में शनि ग्रह की उपस्थिति जातक को जीवन में मिश्रित परिणाम देती है। ऐसे लोग परिश्रमी एवं बुद्धिमान होते हैं। यदि कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति शुभ होती है, तो इससे जातक दीर्घायु होता है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में 12 भाव होते हैं, जिनमें अलग-अलग ग्रहों की उपस्थिति होती है। ग्रह (planate) भी उच्च एवं नीच स्थिति में होते हैं। उनकी स्थिति पर ही व्यक्ति के जीवन की दशा एवं दिशा तय होती है, इसीलिए कुंडली का अध्ययन आवश्यक हो जाता है। आइए जानते हैं कि कुंडली के पांचवे भाव में शनि ग्रह (Saturn) की उपस्थिति उसके जातकों को क्या लाभ या हानि प्रदान करती है।
भावनाओं की अभिव्यक्ति से संबंधित होती परेशानी
कुंडली के पांचवें भाव में शनि ग्रह (Saturn in fifth house) की उपस्थिति जातक को भावनाओं की अभिव्यक्ति से संबंधित परेशानियों का सामना करवाती है। इससे जातक स्वयं की तुलना अपने आसपास के लोगों से करने लगता है।
ऐसे लोग खुद को दोषी मानते हैं
ऐसे लोग खुद को हर बात का दोषी मानते हैं। ऐसे लोगों के साथ यदि कुछ अच्छा भी होता है, तब भी ये आत्मग्लानी की भावना अपने मन में रखते हैं। इस भाव का व्यक्ति निराशावादी होता है। ऐसे लोग समाज में अधिक उठना बैठना पसंद नहीं करते, और लोगों से घुलने मिलने में उन्हें संकोच होता है। यदि जातक अपने व्यवहार में परिवर्तन लाए, तो उनका जीवन प्रसन्नता पूर्वक बीत सकता है।
शनि के सकारात्मक प्रभाव
शनि के पांचवें भाव में स्थित होने से ऐसे लोग उद्देश्य पूर्ण कार्यों की तरफ अधिक अग्रसर होते हैं, अर्थात यह किसी चैरिटी या एनजीओ के लिए भी पैसे इकट्ठा करना या अन्य गतिविधियों में शामिल होना पसंद करते हैं। ऐसे लोग धन का संचय अच्छे कार्यों के लिए करते हैं।
शनि के नकारात्मक प्रभाव
कुंडली के पांचवें भाव में शनि ग्रह की स्थिति का नकारात्मक प्रभाव उसके जातकों पर पड़ सकता है। कुंडली के पांचवें भाव में शनि यदि कर्क वृश्चिक या मीन राशि में स्थित हो तो यह अपने जातकों को प्रसन्नता, प्रशंसा एवं प्रेम में कमी दिलवाता है, अर्थात ऐसे लोगों को प्रशंसा, प्रेम एवं प्रसन्नता बहुत कम ही मिलती है। ऐसे लोग स्वयं को दूसरों के समक्ष ठीक से अभिव्यक्त नहीं कर पाते हैं।
शनि के प्रभाव इस तरह से करें कम
शनि ग्रह के बुरे प्रभाव को काम करने के लिए जातक को ज्योतिषीय परामर्श अनुसार शनि यंत्र का पूजन करना चाहिए। चमड़े की वस्तु में जैसे जूते, बैग, आदि दान करने चाहिए। हर शनिवार को काली गाय को रोटी खिलानी चाहिए।