क्या, आपकी कुंडली के लग्न भाव में हैं ये चार ग्रह, जानिए क्या होगा प्रभाव

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Santy

कुंडली हमारे जीवन के हर पहलू के बारे में बताती है। इसके जरिए हम अपने बीते हुए कल के साथ ही वर्तमान और भविष्य के बारे में भी जान सकते हैं। एक तरह से कहें, तो कुंडली हमारे जीवन का एक आईना होती हैं। कुंडली में ग्रहों की स्थिति कैसी है, इसके आधार पर ही आपका वर्तमान और भविष्य तय होता है। अगर कुंडली में शुभ ग्रह हैं, तो आपका जीवन अच्छी तरह गुजरेगा, लेकिन अगर वहीं कोई अशुभ ग्रह हो, तो परेशानी हो सकती है।

ग्रहों की स्थिति का पड़ता है जीवन पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में 12 भाव होते हैं, जिसे हाउस भी कहा जाता है। हर भाव में एक ग्रह होता है। यह ग्रह शुभ है या अशुभ, अगर शुभ है तो यह दुषित तो नहीं है, इसके आधार पर गणना कर यह पता लगाया जाता है कि आपका आने वाला समय कैसा रहेगा। कुंडली के किस भाव में कौन सा ग्रह है या किन ग्रहों के साथ उसकी युति है, इससे आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती है। यहां हम बात करेंगे कुंडली के पहले भाव की।

पहले भाव पर है मेष और मंगल का शासन
कुंडली का पहला भाव काफी प्रमुख होता है। इसे लग्न भाव भी कहा जाता है। इस भाव से आपकी पर्सनैलिटी के साथ ही जीवन के अन्य पहलुओं की जानकारी मिलती है। कुंडली के पहले भाव पर मेष राशि का शासन है और उस भाव के स्वामी मंगल हैं। कुंडली का प्रथम भाव गुरु, सूर्य, चंद्रमा, और बुध के लिए अच्छा माना जाता है।

प्रथम भाव में सूर्य देता है मजबूती
सूर्य काफी मजबूत ग्रह हैं। इन्हें प्रत्यक्ष देवता माना जाता है, यानी केवल सूर्यदेव ही ऐसे हैं, जो हमें नजर आते हैं। आपकी कुंडली के प्रथम भाव में अगर सूर्य मौजूद हैं, तो आपकी लाइफ काफी मजबूती से गुजरेगी। आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। इतना ही नहीं आप आत्मविश्वास से भी परिपूर्ण रहेंगे। ऐसा व्यक्ति स्वतंत्र रहना ज्यादा पसंद करता है।

प्रथम भाव में चंद्रमा से मिलता है आत्मविश्वास
वहीं चंद्रमा की बात करें, तो यह भी प्रथम भाव में अच्छा फलदायी होता है। चंद्रमा के प्रभाव से आपका जीवन सुखद होगा। इतना ही नहीं व्यक्ति धन-धान्य से परिपूर्ण होगा। ऐसे लोगों को दूसरों से मिलना-जुलना काफी पसंद होता है और वे आत्मविश्वास से भी परिपूर्ण होते हैं।

गुरु के प्रभाव से आती है सकारात्मकता
अब गुरु की बात करें तो यह ग्रह भी कुंडली के पहले भाव में बेहतर फलदायी होता है। गुरु के प्रभाव से व्यक्ति में सकारात्मकता देखने को मिलती है। सकारात्मक दृष्टिकोण वाला होने के साथ ही उसमें दयालुता और सेवा भावना भी देखने को मिलती है।

प्रथम भाव में बुध देता है बौद्धिक शक्ति
इसी तरह अगर बुध की बात करें, तो उन्हें बुद्धि और ज्ञान का प्रतिक माना जाता है। अब अगर आपकी कुंडली के प्रथम भाव में बुध मौजूद हैं, तो जाहिर है कि व्यक्ति की बौद्धिक शक्ति काफी मजबूत होती है। ज्ञान और विज्ञान के प्रति भी उसमें काफी जिज्ञासा देखने को मिल सकती है।

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